Book Title: Pragnapanasutram Part 03
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ प्रज्ञापनास्त्रे वा, निःश्वसन्ति वा ? गौतम ! सततं सततमेव आनन्ति वा प्राणन्ति वा, उच्छ्वसन्ति वा, निःश्वसन्ति वा, असुरकुमाराः खलु भदन्त ! कियत्कालस्य आनन्ति वा प्राणन्ति वा, उच्छ्र. सन्ति वा, विश्वसन्ति वा ? गौतम ! जघन्येन सप्तानां स्तोकानाम् , उत्कृष्टेन सातिरेकस्य पक्षस्यानन्ति वा यावत् निःश्वसन्ति वा, नागकुमाराः खलु भदन्त ! कियत्कालस्य आनन्ति वा, प्राणन्ति वा, उच्छ्यसन्ति वा, निःश्वसन्ति वा ? गौतम ! जघन्येन सप्तानां स्तोकानाम् उत्कृष्टेन मुहूर्तपृथक्त्वस्य, एवं यावत् स्तनितकुमाराः, पृथिवीकायिकाः खल भदन्त ! सातवां उच्छ्वासपद शब्दार्थ-(नेरइयाणं संते ! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा) हे भगवन् ! नारक कितने काल से उच्छ्वास लेते एवं निःश्वास लेते हैं ? (ऊससंति वा नीससंति वा ?) ऊंचा श्वास और नीचा श्वास लेते हैं ? (गोयमा ! सततं संतया मेव आणमंति वा पाणमंति वा, ऊससंति वा, नीससंति वा ) हे गौतम ! सदा-सदा ही उच्छ्वास और निश्वास लेते रहते हैं। (असुरकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा, ऊससंति वा, नीससंति का ?) हे भगवन ! असुरकुमार कितने काल से उच्छ्वास लेते और निश्वास लेते हैं ? (गोयमा ! जहण्णेणं सत्तण्हं थोवाणं) हे गौतम ! जघन्य से सात स्तोक में (उकोसेणं सातिरेगस्स पक्खस्स आणमंति वा, जाव नीससंति) उत्कृष्ट सातिरेक एक पक्ष में उच्छ्वास और निश्वास लेते हैं। (नागकुमाराणं भंते ! क्षेवइकालस्स आणमंति वा, पाणमंति वा, उससंति वा निससति ?) हे भगवन् ! नागकुमार कितने काल से उच्छ्वास और निश्वास लेते हैं ? (गोयमा ! जहण्णेणं सत्तण्हं थोवाणं) जघन्य सात स्तोक में (उकोलेणं સાતમું ઉછૂવાસ પદ Awar-(नेरइपाणं भंते । केवइ कालस्स आणमंति वा पाणमंति वा) लगपन् । ना२४ डेटा आणे श्वास से छे तेभर निश्वास से छे ? (ऊससंति वा नीससंति वा ?) २७वास भने नश्वास से छे ? (गोयमा । सततं संतयामेव आणमंति वा, पाणमंति वा' ऊससंति वा, नीससंति वा ?) गौतम ! सही-सही रवास मने निश्वास आता २९ छ ' (असुरकुमाराणं भंते । केवइकालस्स आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, नीससंति वा ?) 8 लगवान 1 मसु२शुभार 26 आणे २वास से छे भने निश्वास से छे ? (गोयमा ! जहणेणं सत्तण्डं थोवाण) हे गीतम! धन्य सात स्मां (उकोसेणं सातिरेगस्स पक्खस्स आणमंति वा जाव नीससंति वा) दृष्ट सातिरे पक्षमा छ्वास मने निश्वास से छे. (नागकुमाराणं भते । केवइ कालस्स आणमंति वा, पाणमंति वा, ऊससंति वा, नीस. संति वा १) 8 लगवन् । नागभा२ सा धणे पास मन निश्वास से छे १ (गोयमा ! जहण्णेणं सत्तण्हं थोवाणं) 3 गौतम ! धन्य सात स्तोमi (उकोसेणं मुहुत्तपुहत्तस्स)

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