Book Title: Prachin Jain Lekh Sangraha Part 1
Author(s): Jinvijay
Publisher: Atmanand Jain Sabha

View full book text
Previous | Next

Page 22
________________ वाळा ( Sandstone ) पर्वतना एक भागमा ते आवे छे.+' मेजर कीड ( Kittoe ) के जेणे ज सर्वथी प्रथम (इ. स. १८३५ नी लगभगा) मा लेखनी संपूर्ण नकल करी हती, ते आ स्थाननो परिचय आपतां नीचे प्रमाणे जणावे छे. ___ खंडगिरि अने उदयगिरिनी टेकरीओ पत्थरीआ पहाडनी लांबी हारना भागो छे. आ पहाड ओरीस्सानी पत्थरनी टेकरीओना तळीआ नजीक थईने अॅटघर डेक्कुनल ( Autghar Dekkunol ) थी कुर्दा थई दक्षिण दिशामां चीलका सरोवर तरफ आगळ वधे छे. भुवनेश्वरथी उत्तर-पश्चिममा चार माइल दूर खंडगिरि आवेलो छ; अने कटकथी दक्षिण-पश्चिममां १९ माइल दूर छे. आ घे टेकरीओनी वचमां लगभग १०० यार्ड पहोळी एक खणि छे.........खंडगिरिना शिखर उपर बहु ज थोडी गुफाओ छे........उदयगिरिना दक्षिण तरफना शिखर उपर न्हानी न्हानी अनेक गुफाओ आवेली छे. लोकोमा एवी दंतकथा प्रचलित छे के उदयगिरिमां प्रथम ७५२ गुफाओ हती. आमांनी घणीखरी गुफाओ टूटी फूटी गई छे, तोपण हजी घणीक तद्दन आखी छे. अमुक कदनी कोई पण गुफा नथी. धणी खरी ६+४' लंबाई पहोळाईमां तथा ४ थी ५ फीट उंचाईमां होय छे. तेमनी आगळ एक एक ओटलो छ, तथा न्हाना हाना द्वार छे के जे पहाडमाथी कोतरी काढेला छे. केटलीक गुफाओ विचित्र आकारनी कोरी काढेली छे जेवी के ' सर्पगुफा ' ' व्याघ्रगुफा ' विगेरे.* " + बाबु मनोमोहन गंगुले रचित Orissa and her remains ancient and Medieval. * जर्नल ऑफ धी बेंगाल एसीयाटक सोसायटी पुस्तक ६, पृष्ठ १०७९ "Aho Shrut Gyanam"

Loading...

Page Navigation
1 ... 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124