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प्राकृतलेखविभाग। चिह्न पण ' नन्दिपदम् । एवा नाम साथे जोवामां आवे छे; जे उपस्थी जणाय छे के बौद्धो तेने ' वृषभ-लांछन ' कहे छे. वैदिक धर्ममा वृषभने पवित्र गणेलो छ; अने जो आवोज मत बौद्धोमा प्रचलित होय तो तेमणे पण तेने पवित्र गणेलो होवो जोइए.
चोथु चिह्न वेदि अगर बेठक उपर मोनोग्राम ( Monogram) जेवं लागे छ (y + t+e ? ). उदयगिरिनी व्याघ्र गुहामांना एक लेखना आरंभमां आq चिह्न छे. फेर मात्र एटलोज छे के ज्यारे आमां कापा डाबी बाजुए छे त्यारे व्याघ्रगुहाना चिह्नमां जमणी बाजुए छे. उदयगिरिनी वैकुंठ गुहामा एक चिह्न छ जेमां अने आमां फेर एटलो छे के एमां नीचे वेदि नथी तथा डाबी बाजुए बे कापाने बदले बन्ने बाजुए एक एक छे. एक बौद्ध सिकामां पण आ चिह्नना जेवू एक चिह्न छे.
जे लिपिमां आ लेख लखेलो छे ते लिपि अशोकथी अर्वाचीन छे अने पश्चिम हिंदना नानाघाट लेखनी लिपिने मळती छे. अशोकना वखतनी लिपि अने आ लिपिमा मुख्य फेर ए छे के ज्यारे अशोकना बखतना क ने आडी तथा उभी लीटीओ सरखी छे (+) त्यारे अहींआं आडी करतां उभी लीटी लांबी छ (1); ते वखतनो ग खुणा पडतो (^) हतो त्यारे हालनो कमान जेवो (0); ते वखतनां घ (L), प (U), ल (-J) अने ह (5) ना नीचेना भागो गोळाकार हता अने हालमां सपाट छे (tuli, -11, म (४) अने व (B) नी नीचेना आकारो बराबर गोळ हता त्यारे हाल त्रिकोणाकारे छे (1);
१ जर्नल बॉम्बे बेन्च रॉयल एशियाटीक सोसाइटी, पु. १५, पृ. ३२०. २ वील्सन्स भेरीआना अॅन्टीका, प्लेट १५, आकृति ३२.
"Aho Shrut Gyanam"