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प्राचीनजेंनलेखसंग्रह। बाजुए एक नाचती स्त्री छे अने आ स्त्रीनी पेलीपार एक स्तंभ छे. जमणी बाजुना स्तंभने सिंह छे अने डावी बाजुना स्तंभ उपर 'धर्मचक्र' काढेलु छे. उंचे साधुओ तथा स्तूप तरफ दोडता आवता होय तेवा किन्नरो छे. किन्नरोने रुवाटावाळु शरीर तथा मनुष्यना जेवू मुख छ तथा दिगम्बर जैनोनी माफक आ साधुओ नग्न छे.
___ आ स्तूप आकारमा तथा देखावमा हजु सुधी मळेला बौद्ध स्तूपोने एटलं बधुं मळतुं आवे छे के जो आ लेख न होत तो तेने बौद्ध स्तूप तरीकेज गणवामां आवत. बे कठेरानी हारोनी बच्चेनो छ लीटीओ वाळो लेख जैनोनो छे एम स्पष्टज छे. लेखना अक्षरो इ. स. पूर्वे ५० ना होय तेम लागे छे; भाषा प्राकृत छ, सरल नथी.
लेखनी नकल. (१) नमो अरहतो वधमानस दंदाये गणिका (२) ये लेणशोभिकाये धितु शमणस निकाये (३) नादाये गणिकाये वासये आरहतादेवकुले (४) आयगसभाप्रपाशिलापटा प्रतिस्ठापितं निगमा (५) ना अरहतायतने सह मातरे भगिनिये धितरे पुत्रेण (६) सविन च परिजनेन अरहतपुजाये
( आ लेखनु संस्कृत भाषांतर. ) (१) नमोहते वर्धमानाय दण्डाया गणिका (२) या लयनशोभयिच्या दुहितुः श्रमणस्य निकाये (३) नादाया गणिकाया वासाय अर्हतो देवकुले (४) आर्यकसभा प्रपा शिलापट्टः प्रतिष्ठापितः नैगमा (५) नां अर्हतायतने सह मात्रा भगिन्या दुहित्रा पुत्रेण (६) सर्वेण च परिजनेन अर्हतपूजाये
"Aho Shrut Gyanam"