Book Title: Panchsangrah
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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पंचसंगहो
आदाउजोवाणं मणुव-तिरिक्खाउगं पसत्थाओ।
मिच्छस्स होति तिव्वा सम्मादिहिस्स सेसाओ ॥१०२॥ आदाउज्जोव-मणुव-तिरिक्खाउगं चत्तारि पगडीओ पसत्थपगडीण मज्झे मिच्छादिहिस्स उक्कस्स-अणुभागाओ हुंति । सेसाओ अत्तीस पगडीओ सम्मादिढिरस उकस्स-अणुभागट्ठिदीओ हुति ।
देवाउगमपमत्तो तिव्वं खवगा करिति वत्तीसं ।
धंति तिरिय-मणुया इकारस मिच्छभावेण ॥१०३।। देवाउगस्स उक्कसो अणुभागबंधो अप्पमत्तस्स सागार-जागार सुदोवजुत्तस तप्पाओग्ग-विसुद्धस्स उक्करस अणुभागबंधे वट्टमाणस्स । तिवखवगा सं तिव्वं खवगा करिति बत्तीसं] साद-जसकित्तिउच्चगोदाणं उक्कस्सगो अणुभागबंधो सुहुम-संपराइयखवगस्स चरमे उक्करसअणुभागबंधे वट्टमाणस्स। देवगइ-पंचिंदियजाइ-वेउव्वियाहार-तेज-कम्मइयसरीर - समचउरसरीरसंठाण - वेउव्वियाहारसरीरंगोवंग-पसत्थवण्णादिचउक-देवगइपाओग्गाणपूवी-अगुरुगलहुग-परबाद - उस्सासपसत्थविहायगइ-तस-बादर-पज्जत्त-पत्तेगसरीर-थिर-सुभ-सुभग-सुस्सर-आदिज्ज - णिमिण - तित्थयराणं उकस्सगो अणुभागबंधो अपुठवकरणखवगस्स छ-सत्तमभागचरमे उकस्स-अणुभागबंधे वट्टमाणस्स सागारजागाररस सव्व-विसुद्धस्स बंधंति । णिरयाउग-वीइंदिय-तीइंदिय-चतुरिंदियजादि-सुहुम-अपज्जत्तसाहारणाणं उक्कस्सगो अणभागबंधो असंखिज्जवस्साउग वज्ज सण्णि-पंचिंदिय-तिरिक्ख-मणस पत्तज्जमिच्छादिहिस्स सागार-जागारस्स तप्पाओग्गसंकिलिट्ठस्स उक्कस्सअणुभागबंधे वट्टमाणस्स । तिरिक्ख-मणुसाउगाणं च सो चेव भंगो। णवरि तप्पाओग्गविसुद्धस्स । एवं णिरयगइपावुग्गाणुपुवीणं । णवरि उक्कस्ससंकिलिहस्स।
पंच सुर-णिरयसम्मो सुरमिच्छो तिण्णि जददि पगडीओ।
उज्जोवं तमतमगा सुर-णेरइया भवे तिण्णि ॥१०४॥ 'पंच सुर णिरयसम्मो' मणुसगइ-ओरालिय-सरीर-ओरालियसरीरंगोवंग-वज्ञरिसभ-मणुसगइपाओग्गाणुपुत्वीण उक्कस-अणुभागबंधो देव-णेरइयअसंजदसम्मादिहिस्स पज्जत्तस्स सागारजागरस्स सव्वविसुद्धस्स उकस्स-अणुभागबंधे वट्टमाणस्स । 'सुरमिच्छो' त्ति पयडीओ एइंदियआदाव-थावराणं उक्कस्सो अणुभागबंधो भवणादि-सोहम्मीसाणं देवपज्जत्तमिच्छादिटिप्स सागारजागरस्स णियमा उक्करससंकिलिट्ठस उक्कस्सअस्स । एवं आदावस्स । णवरि तप्पाओग्गविसुद्धस्स । उज्जोवस्स उकस्सअणुभागबंधो सत्तमपुढवीरइयपज्जत्तमिच्छादिहिस्स सागार-जागरस्स सव्वविसुद्धस्स सम्मत्ताभिमुहस्स चरमे उक्करस-अणुभागबंधे वट्टमाणस्स । 'सुर-णेरइया भवे तिण्णि' तिरिक्खगइ-असंपत्तसेवट्टसंघडण-तिरिक्खगइपाओग्गाणुपुवीणं उकस्सअणुभागबंधो आणदादिदेव वज देव-णेरइयअपजत्तमिच्छादिहिस्स सागार-जागरस्स णियमा उक्करससंकिलिहस्स उक्करसअणुभागबंधे वट्टमाणस्स ।
सेसाणं चदुगदिया तिव्वणुभागं करिति पयडीणं ।
मिच्छादिट्ठी णियमा तिव्वकसाउक्कडा जीवा ॥१०॥ __ 'सेसाणं चदुगदिया' सेसाणं पगडीण असंखेजवस्साउग वज्ज आणदादिदेव वज्ज चउगइसण्णि-पंचिंदियपज्जत्तमिच्छादिट्ठिणो उक्करस-अणुभागं करिति । सागार-जागरस्स उक्करससंकिलेसेण । णवरि इत्थी-पुरिसवेय-हस्स-रइ-समचदुर-हुंडवज चउसंठाण वज्जरिसभ-असंपत्तसेवट्ट वज्जचउसंघडणाण तप्पाओग्गसंकिलेसेण ।
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