Book Title: Panchsangrah
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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परिशिष्ट
७५१
मिश्र
संदृष्टि सं० १७
तिर्यंच सामान्यकी बन्ध-रचना
बन्धयोग्य सर्व प्रकृतियाँ ११७ मिथ्यात्व ११७ सासादन १०१ १६
४८ अविरत
७० देशविरत
५१ . संदृष्टि सं० १८
मनुष्य सामान्यकी वन्ध-रचना
बन्ध-योग्य सर्व प्रकृतियाँ १२० गुणस्थान
बंध
अबंध मिथ्यात्व सासादन
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बंधव्यु०
मिश्र
०
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६०
० ० ० ०6 Timw6
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०
११६
अविरत देशविरत प्रमत्तविरत अप्रमत्तविरत अपूर्वकरण अनिवृत्तिकरण सूक्ष्म साम्पराय
१०७ उपशान्तमोह क्षीणमोह सयोगिकेवली
२२६ अयोगिकेवली संदृष्टि सं० 18 देवसामान्यकी तथा सौधर्म-ईशानकालकी वन्ध-रचना
बन्ध-योग्य सर्व प्रकृतियाँ १०४ गुणस्थान बंध
अबंध
बंधव्यु० मिथ्यात्व
१०३ सासादन ६६ मिश्र अबिरत ७२
०
१२०
०
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