Book Title: Panchsangrah
Author(s): Hiralal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith
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सतग-संगह।
६२५ णाणावरण-दसणावरण-अंतराइयाणं भागो अण्णुण्णसरिसो, णामा-गोद-एक्कदरभागादो एदेसिं इक्कदरभागो अधिओ। अधिओ दु' मोहस्स भागो आवरणमंतराइय-एक्कदरभागादो अधिओ।
सव्वुवरि वेदणीए भागो अधिओ दु कारणं किंतु ।
सुह-दुक्खकारणत्ता ठिदिव्विसेसेण सवाणं [सेसाणं] ॥१२२॥ 'सव्वुवरि वेदणीए' मोहभागादो वेदणीयभागो अधिगो, सव्वकम्मपदेसाणं उवरि वेदणीयपदेसं अधियं । तरस कारणं सुह-दुक्खकारणत्तादो। आउहीणं सेसाणं कम्म-पदेसाणं ठिदि-अधियत्तादो भागो अधिगो, सव्वत्थ आवलियाए असंखेजदिभागेण एगखंडमेत्तण अधिओ। एवं सत्तविहबंधयाणं आउगवज्ज णामादीणं भाणियध्वं । एवं छव्विहबंधयाणं आउग-मोहवज्ज णामादीणं भाणियव्वं । णाणावरणादीणं अप्पप्पगो पदेसभागो अप्पप्पणो उत्तरपयडीओ जत्तियाओ बंधमागच्छंति, तत्तियाणु जहाजोग्गं विभंजिऊण गच्छइ।
छण्हं पि अणुक्कस्सो पदेसबंधो दु चउन्विहो होइ ।
सेसतिए दुवियप्पो मोहाऊणं च सव्वत्थ ॥१२३॥ 'छण्हं पि अणुक्कस्सो' मोहाउग-वेदणीय-वज्ज पंच कम्माणि अणुक्कस्सपदेसबंधस्स उवसंतस्स देवभावेण वा सुहुमभावेण वा अणुकस्सपदेसबंधस्स सादि सुहुमसंपराइय-अप्पणो काले उक्कस्सबंधमाणो अणुक्करस बंधइ त्ति वा । सादवेदणीयस्स अणुक्कस्सपदेसबंधस्स सुहुमसंपराइगो अप्पणो काले उक्कस्सपदेसबंधे वट्टमाणस्स अणुकस्स बंधइ त्ति सादिबंधो। सेढिमणारूढं पडुच्च अणादि अब्भवसिद्धिं पडुच्च धुवं उक्करसं वा अबंधं वा बंधवुच्छेदं वा गंतूण अदुवो। वेदणीयस्स उक्करसबंधवुच्छेदं वा गंतूण अधुवो। 'सेसतिए दुवियप्पो' दुक्खस्स जहण्ण-अजहण्णाणं सादि अधुवबंधो । मोहमाउगाणं उक्करस-अणुक्कस्स-जहण्ण-अजहण्णाणं सादि-अधुवबंधो ।
तीसहमणुक्कस्सो उत्तरपगडीसु चउव्विहो बंधो ।
सेसतिए दुवियप्पो सेसचउक्के वि दुवियप्पो॥१२४॥ 'तीसण्हं अणुक्कस्सो' पंचणाणावरणीय थीणगिद्धितिग वज छ दसणावरण-अणंताणुबंधि वज्ज वारसकसाय-भय-दुगुंछ-पंचअंतराइयाणं तीसण्हं पगडीणं अणुकरस पदेसबंधस्स, उक्करसादो अणुक्कस्सबंधमाणस्स वा सादि, अप्पप्पणो य बंधगुण हाणं उक्कस्सं वा अप्पडिवण्णाणं अणादि, अन्भवसिद्धिं पडुच्च धुवं, उक्करसं वा अबंधं वा गंतूग अर्धवं, उक्कस्स-जहण्ण-अजहण्णाणं सादिअधुवबंधो । सेसाणं णउदिपयडीणं उक्करस अणुक्कस्स-जहण्णाणं सादि अधुवं ।
आउगस्स पदेसस्स छ सत्त मोहस्स णव दु ठाणाणि ।
सेसाणि तणुकसाओ बंधइ उकस्सजोएण ॥१२॥ आउगस्स उकस्सपदेसबंधो चउगइ-सण्णिपज्जत्त-मिच्छादिट्ठि-सासण-असंजद-तिरिक्खमणुस-संजदासंजद-पमत्तापमतसंजदाणं अट्ठविहबंधयाणं उक्करस-जोगीणं उक्कस्सपदेसबंधे वट्टमाणस्स । मोहणीयस्स उकस्सपदेसबंधो चउगइसण्णिपंचिदिय-पज्जत्त-मिच्छादिहि-सासण-सम्मादिट्ठि-सम्मादिहि-सम्मामिच्छादिट्ठि-असंजदसम्मादिट्ठि-तिरिक्ख-मणुस-संजदासंजद-पमत्तापमत्तअपुव्वकरण-अणियट्टीण उक्कस्साजोगीण आउगवज्ज सत्तकम्माण बंधमाणाणं उक्कस्स-पदेसबंधे वट्टमाणाणं होइ । 'सेसाणि तणुकसाओ' आउग-मोहवज्जाणं छहं कम्माणं उकासपदेसबधो सुहुमसंपराइयस्स मोहाउगवज्ज छक्कम्माणि बधमाणस्स उक्करसजोगिस्स उक्कस्सपदेसस्स ।
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