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मुंहना नैणसीरी ख्यात ४. घर ६० भोजग। ५. ५०० ग्वांट भील । ६. ५००० माहिलवाड़ियो लोक । ७. घर १५०० रजपूत । ८. ९००० पूणजात'। महररी वसती घर हजार बीसरो उनमांन छै ।
उदैसागर तळाव संमत १६२० तथा संमत १६२१ रांणे उदेसिंघ वंधायो । कोस १० रै फेर पाणी छै। पाळ लंबी गज ५००रो बंधेज छै । आडी गज २५० । ऊंची . गज ७० . पांणीमें । गज पाणी वारै उघाड़ो' । नाळो' गज ५० ऊंडो, गज १२ रै पनै भाखर वाढ काढियो छै । __ पीछोलो रांणा लाखारी वार' माहे किणही विणजारे बँधायो । पाणी कोस ४ रै फेरमें छै ।
श्रीएकलिंगजी सहरसूं कोस ५, देहुरो मगरा ऊपर छै । उदैपुरतूं भरहेर कुंण मांहे छै । गांव देलवाड़ो झाला कल्याणवाळो एकलिंगजीथी कोस १ छै । देवी राठासणरो'4 देहरो भाखर5. ऊपर छै, सु एकलिंगजीथी कोस २ । एकलिंगजीरा देहुराथी बेउ6 तरफ भाखरांरी गाळ7 छै । देहुरारा दोळो छोटो कोट छै । देहरो एकलिंगजीरो चौमुखो छ । चार दरवाजा छै । देहुरा ऊपर डंड कळस!' सोनारो छ । पाखती और ही देहुरा घणा छ, नै एकलिंगजीरा देहुरा
| शाकद्वीपी अर्यात सेवक जाति। 2 भोल, नायक आदि । 3 कृषि कर्म करने वाली समस्त जातियें, जिनमें चाकर आदि आश्रित जातियें और भील, थोरी, नायक आदि भी सम्मिलित है। 4 इनके अतिरिक्त पवन अर्थात् शेष जातियों के ६००० घर हैं । (ब्राह्मण आदि चार वर्षों के अंतर्गत समस्त जातियों के समूहको छत्तीस-पवन कहा जाता है) 15 घेरनें। 6!7 - जिसकी लंवाईका बांध ५०० गज और चौड़ाईका २५० गज है। 8 बारह गज पानीके अपर । 9/10 नालेको गहराई ५० गज, जिसकी चौड़ाई १२ गज-पहाडको काट कर निकाला गया है। 11 समय । 12 किसी बनजारेने उसे बंध वाया था। 13 ईशान और पूर्वके बीचको दिशा । 14 राष्ट्रश्यना देवी। 15 पहाड़ । 16 : दोनों। 17 दरी । 18 चार महों (हार) वाला। 19 मंदिरके शिखरके ऊपरका ध्वजदण्ड और पानश मोनेके हैं।