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मुंहता नैणसोरी ख्यात
बात चहुवांणां सोनगरांरी राव लाखगोतरांरी'
१ राव लाखणनूं नाडूल देवी आसापुरी तूठी' । नाडूलरो राज दियो । तरं देवीसूं प्ररज की, "म्हारे घोड़ा नहीं ।" तरै देवी कह्यो - "फलां दिन सोबतरा घोड़ा छूटने चापथी श्राप श्रावसी ।" पर्छ घोड़ा १३००० ढळने नाडूळ प्राया' । बांसै घोड़ांरा धरणी श्राया; तर देवी घोड़ांरा रंग फेरिया । पछै वे देखने पाछा फिरिया" |
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राव लाखणरा वेटा
२ वीसळ लाखणरो । तिणरा हाडोतीनूं छै ।
२ ग्रासल लाखणरो । जिण ग्रासल कोट करायो । ग्रासिल समुद्र मारै पुन्य हेत तळाव करायो । २ जोजल लाखणरो । जिण जोजावर वसाई' | २ जैत लाखणरो | जिग जैतकोट करायो " | १ वलसोही ।
३ महिंद्रराव |
४ श्रावण ।
५. जींदराव |
६ ग्रासराव । नाडूल सिकार रमतो हुतो सु वडो दूठ राजवी हृवो" । तिणनूं देवी वीहाड़रण लागी, सु श्रासराव वीहै नहीं" ने वांण हिरणनूं सांधियो तो सु वाह्यो"; तरै देवी खुसी हुई नै आसरावनूं कहण लागी - "तोनूं हू
1 राव लाख के वंशज सोनगरा चौहानों की बात । 2 नाडोलकी देवी आशापुरी रायला पर प्रसन्न हुई । 3 अमुक दिन जर्मयतके घोड़े छूट कर अपने श्राप श्रा जायेंगे । 4 फिर १३००० घोड़े टूट कर नाडील या गये | 5 घोड़ोंक मालिक पीछे श्राये तो देवीने चटके रंग बदल दिये | 6 वे लोग देख कर वापिस लौट गये । 7 बीसलका बेटा लाखग्ण, जिसके वंशज हातीमें है। 8 लाखाका बेटा ग्रासल, जिसने नाडोल में ग्रासलकोट बनवाया और पुण्वार्थ समुद्र नामका तलाव बनवाया । 9 लाखका बेटा जीवन, जिसने जोजावर नामका गाँव बसाया 10 का बेटा जैन, जिसने जंतकोट बनवाया । 11 आमराव वड़ा राज हुआ। यह एक दिन नाडोलमें शिकार मला था। 12 उसकी देवी उसने नवी परंतु सराव डरे नहीं। 13 चलाया ।