Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

View full book text
Previous | Next

Page 353
________________ मुंहता नैणसीरी ख्यात: [ ३४५ 3 4 9 11. 13 4 आदमी छै । पछै सांखलै दहियां सिरदारांनूं भायां - बेटां सारांनूं नाळेर ४० तथा ५० सांवठा दिया' । एक साहो थापियो । पछै वे परणीजण या, सु जीमण मांहै दारू में धतुरो घातनै पायो, सु सारा बेसुध किया । पछे हेठा' पड़िया, तरै कूट मारिया | नै केसो उपाधियो ही साथै तो' इणनूं ही मारण लागा । तरै इण कह्यो - "मोनूं मत मारो । मनें उबारो, हूं थांहरै भलै कांम ग्राडो प्राईस' ।" तरै इको- "हे थनै उबारियो, पिण तूं किसे " कांम आईस, तिका वात म्हांनूं कहै ।” तरै इण कह्यो - " तो थे मारिया " पण कोट किण भांत लेस्यो ?" तर इण सांखलै दीठो,' बांभरण साची वात कहीं; तर इरणनं घणो हित कर पूछियो; तरै इण कह्यो - " मोनूं थे गुरपदो दो नै मोनूं थे कोट प्रागै तळाई करण देज्यो ।” तरै सांखले केसै उपाधिये वात कही सु कबूल करी तर केसै कह्यो - "हमैं ढीलरो कांम नहीं वाळा ? ५० तथा ६० छै सु वेगा जोतरो । मांहै पांच-पांच रजपूत बैसो" । हं किंवाड़ खोलाइ देईस """ तरै सेजवाळा जूता, तरं केसै उपादियै. प्रोळरै मूंहडे प्रायने प्रोळियारो नांव ले जगायो । कह्यो - " मोहरतरी वेळा टळी जाय छे, 21 प्रोळ खोलो, सेजवाळा. बारणै ऊभा छै" ।” तरै उण प्रोळ खोली । सेजवाळा सोह" मांहै आया । तरै रावळा वैहली मांहिथा कूद-कूद जीनसालीया उतरिया । दहियांस जिकै कोट मांहै हुता सु सोह कूट मारिया । सांखला राणा रायसीरी जांगळमें प्रांण फिरी ** । रायसी इण भांत जांगळू लवी । 15 । इणसूं सौंस-सपत किया; ।" कह्यो - " रात थकी सेज 7 18 20 .25 पीछे सांखलोंने दहिया सरदारोंको और उनके भाई-वेटे सबको एक साथ ४०-५० नारियल अपनी कन्याओं की सगाई करनेके लिये दिये । 2 लग्नका दिन नक्की किया । 3 भोजन । 4 शराब । 5 डाल कर 1 6 नीचे 1 7 था। 8 मुझको मत मारो। 9 मैं तुम्हारे अच्छे काममें सहायक होऊंगा । 10 कौनसे । II हमको । 12 इनको तो तुमने मार दिया । 13 देखा । 14 गुरुका पद । 15 इससे सौगंद- शपथ लिये । 16 अव देरी करनेका काम नहीं 17 महिलाओं की वाहक गाड़ियां । 18 जल्दी जोत दो । 19 बैठ जाओ। 20 दूंगा । 21 मुहूर्त टला जा रहा है । 22 वाहन बाहिर खड़े हैं। 23 सव | 24 से 25 राणा रायसी सांखलेकी जांगलू में प्रान- दुहाई फिर गई ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377