Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 340
________________ ३३२ ] मुंहता नैणसीरी व्यात. पोता' ३ । १० कीलर दे राजदेवोत । १० भोजराज राजदेरो । जिणरा पोतरा लवां णारा-गढ़रा-कछवाहा कहीजे" । सोदास राजा जैसिंघ₹ वास" । 3 ८ बालो मलैसीरो । सात तवा अलावदी पातसाह ग्रागै फोड़िया । मोहीलारै. परणियो त खेत्रपाळ कूट काढियो तर गैल छूटी । ७ मलैसी पुंजनरावरो । मलैसीरै ३२ वेटा हुवा | ७ भींवड़ने लाखण पुंजनरो । जिणरा पोतरा कछवाहापरधांनका कहीजै । 5 ४ राजा हणूं काकिलरो । ४ कछवाहो प्रळधरो राजा काकिलरो' । जिणरा पोता तिके कछवाहा मेड़का- कुंडल का कहीजै । मनोहरपुर चाकर चींवड़ है। मेड़का कुंडका ++ अमरसर गांव १२ हृता । दम १२००००० हमें ग्रै गांव वैराट वांस इति कछवाहांरी ख्यात वार्ता संपूर्णम । दसकत वीठू पनेरा छै । शुभं भवतु । लगाया । ४ कछवाहो रालरण राजा काकिलरो जिणरा पोता रांलगोत कछवाहा कहीजै । मनोहरपुर चाकर चींधड़ छै । ४ कछवाहो देल काकिलरो । जिणरा पोता लहर- कछवाहा कहीजै । कैहेक कछवाहा गंगा जमना वीच अंतरवेध मांहै छै । सालेर मालेर गांव २० मांह कछवाहा भूमिया असवार ४०० छै । घणा दिनांरा उठे जाय रह्या छै । राजा .: I जिसके वंशज जसरा कछवाहे अथवा जसरा - पोता कहे जाते हैं, पूर्व में हैं । 2 जिसके पोते लवाग्गागढरा- कछवाहे कहे जाते हैं । 3 केशवदास राजा जयसिंहके यहां रहता था । 4 वाला मलैसीका बेटा, इसने एक साथ लोहे के सात तत्र एक ही तीरसे अलाउद्दीनके सामने फोड़ कर दिखाये थे, मोहिलोंके यहां व्याहा था, वहां पर क्षेत्रपालको मार भगाया, तव सबका पीछा छूटा | 5 जिसके पोते प्रधानका कछवाहे कहे जाते हैं । 6 कछवाहा अलधरा राजा काकिलका बेटा | 7 जिसके पोते कुंडलका - कछवाहे अथवा मेड़का कछवाहे कहे जाते हैं ।

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