Book Title: Munhata Nainsiri Khyat Part 01
Author(s): Badriprasad Sakariya
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 350
________________ ३४२ ] मुंहता नैणसीरी ख्यात १६ मैंदो, रांणा उदैसिंबरै सिंघजीरै हुवो। चाकर थो, गांव ८४ । रांणो मोकल रांणा .. तांणो सोळंकी मलावाळो राजपाळरै परणियो जागीरमें दियो थो। थो। तिणरो दोहितो २१ डूंगरसी। रांणो कुंभो हुवो नै २१ तेजसीरा वेटा मेवाड़। इणांरो दादो सांखलो - २२ दयाळदास । रु०. करमसी वडो हर-भगत १००००) रो पटो हुवो । सु मेवाड़ इण पावै। परसंग अ सांखला नै २२ राजसी । रु.१००००)रो . धधवाड़िया चारण पटो पावै । वडो सांखलारा उठ गया सु. : इतवारी रांण जगत तिण दिनरा छ । सांखला सीहड़ रूणेचारा पोतरा ढूंढाड़ कछवाहारै चाकर, प्रांक १० । ११ उदग। हुई तद गांव ८४सू.. १२ गजैसी। . . रूंण पटै दी थी। ..... १३ मेहो। ....... १६ सांवळदास बळकरनरो। १४ पूरो। १७ मनोहरदास । राजा १५ वळकरन पूरारो । वडो . गजसिंघजीरे जोधपुर रजपूत हुवो । राजा वास वसियो ।। मानसिंघरै चाकर थो। १८ स्यांमसिंघ मनोहर- . राजा मानसिंघरै नागोर दासरो। सांखलो रतन सीहड़ोतरा रूणेचा जोधपुर चाकर, अांक ११ । I सोलंकी मल्लेवाला तागा गांव भी जागीरमें दिया गया था। 2 राणा जगतसिंहके पास बड़ा विश्वासपात्र था। 3 राणा मोकल राजपालके यहां व्याहा था, इसका दोहिता राणा शंभा हुआ और इनका दादा सांखला करमती बजा हरिभक्त हुआ। 4 इस प्रसंगसे ये नांसले और इन मांखलोंके धवाड़िया चारण मेवाडमें चले गये, उस दिनसे वे वहां हैं। ... 5 नांगला नौद्दड़ मचाके पोते ढूंढाड़में कछवाहोंके चाकर हैं। 6 मनोहरदास, जोधपुर में . . राजा गजनिहजीके यहां जाकर बस गया। 7 सीहड़ नणेचाका बेटा सांखला रतन जोधपुर में ...

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