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________________ मुंहता नैणसोरी ख्यात बात चहुवांणां सोनगरांरी राव लाखगोतरांरी' १ राव लाखणनूं नाडूल देवी आसापुरी तूठी' । नाडूलरो राज दियो । तरं देवीसूं प्ररज की, "म्हारे घोड़ा नहीं ।" तरै देवी कह्यो - "फलां दिन सोबतरा घोड़ा छूटने चापथी श्राप श्रावसी ।" पर्छ घोड़ा १३००० ढळने नाडूळ प्राया' । बांसै घोड़ांरा धरणी श्राया; तर देवी घोड़ांरा रंग फेरिया । पछै वे देखने पाछा फिरिया" | 5 २०२ ] राव लाखणरा वेटा २ वीसळ लाखणरो । तिणरा हाडोतीनूं छै । २ ग्रासल लाखणरो । जिण ग्रासल कोट करायो । ग्रासिल समुद्र मारै पुन्य हेत तळाव करायो । २ जोजल लाखणरो । जिण जोजावर वसाई' | २ जैत लाखणरो | जिग जैतकोट करायो " | १ वलसोही । ३ महिंद्रराव | ४ श्रावण । ५. जींदराव | ६ ग्रासराव । नाडूल सिकार रमतो हुतो सु वडो दूठ राजवी हृवो" । तिणनूं देवी वीहाड़रण लागी, सु श्रासराव वीहै नहीं" ने वांण हिरणनूं सांधियो तो सु वाह्यो"; तरै देवी खुसी हुई नै आसरावनूं कहण लागी - "तोनूं हू 1 राव लाख के वंशज सोनगरा चौहानों की बात । 2 नाडोलकी देवी आशापुरी रायला पर प्रसन्न हुई । 3 अमुक दिन जर्मयतके घोड़े छूट कर अपने श्राप श्रा जायेंगे । 4 फिर १३००० घोड़े टूट कर नाडील या गये | 5 घोड़ोंक मालिक पीछे श्राये तो देवीने चटके रंग बदल दिये | 6 वे लोग देख कर वापिस लौट गये । 7 बीसलका बेटा लाखग्ण, जिसके वंशज हातीमें है। 8 लाखाका बेटा ग्रासल, जिसने नाडोल में ग्रासलकोट बनवाया और पुण्वार्थ समुद्र नामका तलाव बनवाया । 9 लाखका बेटा जीवन, जिसने जोजावर नामका गाँव बसाया 10 का बेटा जैन, जिसने जंतकोट बनवाया । 11 आमराव वड़ा राज हुआ। यह एक दिन नाडोलमें शिकार मला था। 12 उसकी देवी उसने नवी परंतु सराव डरे नहीं। 13 चलाया ।
SR No.010609
Book TitleMunhata Nainsiri Khyat Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBadriprasad Sakariya
PublisherRajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
Publication Year1960
Total Pages377
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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