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मुंहता नैणसीरी ख्यात करसी। नै कोट गयो तरै मोनूं मारसी' । तरै भील किणहीकरी तरवार रावळा खोळा मांहे छानसे लेने, रावळरै बांसे आयनै, रावळ मानसिंघरै झटकारी दीवी । सु झटको वहि गयो' । सोर हुवो। चो० मान रा० सूरजमल आय भीलनूं ही मारियो । ___ मानसिंघरै बेटो को न थो। पछ कोहेक दिन मान हीज वांसवारलारो धणी हुय बैठो । तरै तिण दिनां डूंगरपुर रावळ सहसमल धणी छै । तिण मानसूं कहाव कियो-"जु तूं कुण आदमी सु वांसवाहळारी धरती खाय ? 7' सु आ वात मांनी नहीं मांन । तद मांहो-माह अदावद हुई । तद रावळ सहसमल चढ़ मान ऊपर आयो। वेढ हुई। चो० मांन सांवळ दासोत वेढ जीती । रावळ सहसमल वेढ हारी। वैस रह्यो । तठा पछै रोए प्रताप उदैसिंघोत वात सुणी-इए भांत मांन मोट-मरद10 थको वांसवाहळो खाइ छ । तरै वांसवाहळा ऊपर फोज, सीसोदियो रावत रायसिंघ खंगारोत नै सीसोदियो रतनसी कांधळोत नै असवार हजार ४००० दे विदा किया। चहुवांण मान याँरै सांमा आयो । आयनै वेढ करी । रावत रायसिंघ काम आयो । दीवांणरो साथ भागो । मांन चहुवांण वेढ जीती। रांणो ही बैस रह्यो। तठा पछै चहुवांण माननूं सारां वागड़ियाँ-चहुवांणां मिलनै कह्यो"तोनूं घणी फवी छै । आपे वासवाहळारा.धणी कदै नहीं12 । आंपे वांसवाहळांरा भड़-किवाड़ छां! । थंभ छां14 । तूं कोहेक पाटवी . जगमालरो पोतरो पाट15 माथै थाप । तद उग्रसेन कल्याणरो मोसाळ थो, तिणनूं तेड़नै रावळाईरो टोको दियो। रावळां मोहलां7 मांहे आधा मोहल मान लिया। आधा मोहल उग्रसेननं दिया। रावळ कह वोलायो। आधो हासल18 रावळनूं आधो हासल
1 और अपने कोट (स्थान) जाने पर मुझको मारेगा 1 2 अपने । 3 गुप्त रीतिसे। 4 तलवारके झटके अपना काम किया । 5 कोई नहीं था। 6 कई । 7 तू कौन होता है जो बासवाड़ाकी धरतीका उपभोग कर रहा है । 8 परस्पर । 9 शत्रुता। 10 शान्ति करके बैठ गया । 11 बलपूर्वक 1 12 तेरी बहुत फवं गई (अनुकूलता मिलती रही)। 13 हम ... वांसवाड़ेके स्वामी कभी नहीं 1 14 हम बांसवाड़ेकी रक्षा करने वाले शूरवीर हैं। 15 स्तम्भ है । गद्दी पर स्थापन कर 1 16 ननिहाल । 17 महल । 18 राज-करा।