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मुंहता नैणसीरी ख्यात ११ मांनो मदारो । मुं० सुंदरदास मारियो'। . १२ पांचो मानारो। ७ वीसो वीरमरो। ८ केला वीसारो । राव मालदेरो चाकर थो। मूंडूंथी पाछो . छांडै नै जाओर गयो थो। जालोर ऊपरं रावजीरी फोज
आई तठे प्रोळ हाथो दे लड़ मुवो। ६ कमो केलगरो । माहोमांहि मारियो । . ८ देवो दीसारो । वेटा ३ कमै मारिया। ६ सिवो। ९ रायसल । ९ वीदो। ९ रामदास देवारो । रा० पतो नगावतरै काम अायो नाडूल। ८ करन वीसावत । ६ सूजो करणरो । कमै मारियो । ६ भागस सकतारो। ७ मेहो भागसरो। ८ रामदास मेहारो । राव चंद्रसेणरा विखा मांहे गढ़ रह्यो। ..
रा० दासाजीरो चाकर थो' । ६ सेखो रामावत । १० परवत सेखारो । गैर चाकर थको । अजमेर देईदासजीरो ..
चाकर थको काम प्रायो।
1 मईका वेटा माना,मुहणोत सुंदरदासने मारा। 2 बीसाका बेटा केलण। यह राव .. मानदेवता वायर था। मुंहको छोड़ कर यह जालोर चला गया था। जालोर पर रावजीकी फौज चढ़ कर पाई तब वहां पॉल में हाय मार कर (जूझ, कर) लड़ मरा! 3 केलगका वटा कम्मा, जो परस्परकी लड़ाई में मारा गया। 4 बीताका बेटा देवा, इसके तीन देवीची गम्माने मार दिया। 5 देयाका बेटा रामदास, नाडोलमें नागाके बेटे पताके लिये काममाया। 6 कारणका बेटा गुजा, जिसको यन्मने मारा। 7 मेहाका बेटा रामदास, यह . . सादामाजीका सार था। राम चन्द्र ननके आपतकालमें गढ़में (रसक) रहा था। . .
नाका बेटा, फिसीका चाकार नहीं होते हुए भी अजमेर में देवीदासजीका चाकर. पार नाम पाया।