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मुंहता नैणसीरी ख्यात प्रथीराजरी लागो' ।” पछै जेत पंवार काम प्रायो, तिणरा पोतरा' आबू छै । रावळ काह्नड़दे तिण दिन जाळोर धणी छै । तिण समै देवडा विजड़रा वेटा-जसवंत, समरो, लूणो, लूंभो, लखो, तेजसी सरणुवारा भाखर सीरोहीरीमा छ, तिणांरी गडासंध प्राय रह्या छै । इणांरै पग-ठांम काय न छै । भाई पांचे ही बालोच करै छै"प्रांपै तो सपूत छां । ज्यूं त्यूं कर पेट भरां छां. पिण काइक ठोड़ छोरवांनं खाटीजै । सू पावू लेणरो विचार करै छै । तितरै चारण १ पंवारांरो इणां तीरै आयो । तिण चारण आगै दिलगीरी करण लागा-"जु एक तो मांहरै धरती नहीं, नै भूखा'', नै पांचेई भायांरै पांच-पांच बेटियां, त्यांनूं वींद जुड़े नहीं ।' तरै चारण कह्यो-"इण वातरो किसो सोच करो । झै आबू वडा पंवार-रजपूत । इणांनूं परणावो।" तरै इणे कह्यो-"म्हे आज भूखा, पंवार अाबूरा धणी। मांहरै परणीजै क न परणीजै" " तरै चारण कह्यो-"हू खबर करीस"।" उटै आबू पाल्हण पंवार राज करै त, चारण गयो। कह्यो-"चहुवांणांरै वींदणी'" २५ छ । पचीस पंवारांनूं दै छै ।" तरै पंवारै कह्यो-"रूड़ा ! परणीजस्यां"।" तरै किणहेक डाहे माणस कह्यो"-"जु झै काळपूंछिया धरती नाडूळथा लेता आवै छै । इणांरै ना जाइजै ।" तरै पंवारै कह्यो-"म्हे पहलां कह्यो, हमैं ना कहां नहीं ।" नै उण चारणनै कह्यो-“उणां चहुवांणांरो एक जणो भाई
आबू अोळ' रहै तो म्हे परणीजण आवां ।” चारण आयनै चहुवांणांनूं कह्यो-"अोळ दो तो परणीजै ।” तरै यां एकरसूं तो कह्यो-"पोळ
___ I पृथ्वीराजकी यह प्राधि-व्याधि मुझे प्राप्त हो। 2 पोते। 3 सिरोही प्रदेश । 4 पास । .5 इनके पास रहनेको कोई जगह नहीं है। 6 पांचों ही भाई विचार करते हैं। 7 किन्तु कोई एक जगह लड़कोंके लिये प्राप्त की जानी चाहिये। 8 अतः ये आबू लेनेका विचार करते हैं। 9 इतनेमें । 10 पास । II गरीव । 12 उनको वर नहीं मिलते। 13 हमारे यहां वे विवाह करें या न करें। 14 मैं इसका पता लगाऊंगा। 15 चौहानोंके २५ दुलहिने (कन्याएं) .. हैं ।.. 16 अच्छी बात है, विवाह करेंगे। 17 तब किसी एक समझदार व्यक्तिने कहा। 18 ये दुष्ट नाडोलसे धरती लेते आ रहे हैं। 19 इनके यहां नहीं जाना चाहिये । 20 हमने पहले स्वीकार कर लिया, अव नाहीं नहीं करें। 21 बंधक रूपमें। 22 एक वार ।
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