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मुंहता नैणसीरी ख्यात कह्यो-“म्हे तोनू चीतोड़ दीनी ।" तद लोहड़े भाई कह्यो-“मोनू चीतोड़ कुण देसी ? चीतोड़रा धणी थे छो ?" तरै समरसी कह्यो"म्हारो बोल छै । चीतोड़ तोनू दी।" तर उण कह्यो-"चीतोड़ खरी दी तो रजपूतांरो बोल है तरै ।" तद आप रजपूतांनू कह्यो"ठाकुरां ! सगळा बोल दो।" तरै रजपूतां कह्यो-“थे खरै-मन दी . छै ? म्हां कना बोल समझ नै दिरावज्यो ।”
तरै आप कह्यो-"म्हे खरै-मन दी छै । थे निसंक बोल दो।" तरै रजपूते सगळे बोल दियो। तर ठाकुराई सोही भाईनै दे नै, रांणाईरो खिताब देनै, आप आय गांव आहाड़ वसियो । कितरेक दिने कितराक साथसू कहण लागो -"जु आ धरती म्हे भाईनूं ... दीनी । इण धरती माहे तो मोनू रहणो धर्म नहीं। काइक बीजी .. धरती खाटी10 " ___ तरै बाटबडोद डूगरपुर कनै छै । तठे चोरासी-मिलक'], भोमिया आदमी ५०० रो धणी छै । तिको, एक डूम12 इणरै छै13, तिणरी वैरसू चोरासी-मिलक हालै छै14 । जोरावर थको चौड़े-चापटै15 । संक .. किण हीरी मानै न छै। ईं म घणो ही बल-बल16 मरै छै । उण डुमरी वैरनू लेनै आप माळिये17 सूवै, तठा पछै सारी रात वळे डूमनं ओळ गाडै18 । किण ही दिन डूम ओळगण नावै तो मोहकम कूटा.19 डूम नासण मतै छै । पिण ऊपर रखवाळा आदमी रहै, तिण आगै कठी ही नास न सके । डूंम पिण सासतो घात जोवै छै21।...
1 मुझको चित्तोड़ कौन देगा? 2 चित्तोड़के स्वामी आप हैं। 3 मेरा वचन है। 4 तब उसने कहा-सत्रमुच ही दी हुई तो तव समझी जायगी जब आपके सरदारोंका वचन भी साथमें हो जाए। 5 तब क्षत्रियोंने कहा-आपने सच्चे मनसे दी है ? हमारेसे वचन समझ करके. दिलवाना। 6 राज्य-सत्ता । 7 समस्त । 8 पदवी। 9 अपने साथवालोसे कहने लगा। 10 कोई दूसरी धरती प्राप्त करनी चाहिये । . 11 चौरासीमालिक । 12 गाने-बजानेका काम करने वाली जातिका एक व्यक्ति। 13 इसके ... पात है। 14 उसकी पत्नीसे चौरासी मालिक रमण करता है। 15 जबरदस्तीसे खुले आम 1 16 डूम वहुत ही जलता है 1 17 महल । 18 गायन करवाता है । 19 किसी दिन इम गानेको नहीं मावं तो उसे खूब पिटवाता है। 20 ड्रम भागनेके विचारमें है.। ... 21 डुम भी सदैव (शाश्वत) भागनेकी ताकमें रहता है।
सच्चे मनसे ...