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मुंहता नैणसीरी ख्यात १ करहर, उड़छाथी कोस २० । १ दिहायलो नरवर मैडै । १ खुटहररै मैड़े अरणोद । १ वुडूण। १ पवउवा, उड़छासू कोस २० ग्वालेररै मैड़े। १ वेड़छो ग्वालेर निजीक । १ दभोड़ वेड़छै कनै'। १ कुंच पालमपुररै मैडै । १ मोहनी, गांव ८४, इंद्ररुखी । १ गोमोद भदावररै मैड़े। १ अवाइनो। १ साहरो लांगरपुर घाघेड़ो गांव १५०० १ चवरागढ़ गंडरो जुगराज लियोथो, तिणनूं गढ़ वावन
लागता ।
बूंदेलांरी वात कविप्रिया ग्रंथ केसोदासरो कियो-तिण मांहै बूंदेलां रै वंसरी इण भांत वात कही छै
| सूर्यवंसी। सूर्यवंसरै विष श्रीरामचन्द्ररो अवतार । तिणथी' कितरेहेक पीढ़ियां इणांरो गहरवार गोत्र कहांगो।
१ राजा वीरू गहरवाररो। २ राजा करन महाराजा हुबो तिण वारणारसी वास कियो। . ३ राजा अर्जुनपाळ तिरा मोहनी गांव वसायो । ४ राजा सहजपाळ 1 ५ राजा सहजइंद्र।
1 पास। 2 इन्द्रदिशाकी ओर। 3 गूंडा जिलेका चवरागढ़ वरसिंहके पुत्र जुगराजने । जीत लिया था जिसमें १२ किलेचे । 4 कवि केशवदास रचित 'कविप्रिया' नामक ग्रन्थ । 5 जिनमे कितनीहीक पीड़ियोंके पीछे इनका गहरवार गोत्र कहलाया। 6 काशी।