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मुंहता नैणसीरी ख्यात - माछळारो मगरो छै। एकण-कांनी' खरक-2 दिस सिसरवारो मगरो
छ । तळाव घणो भरी तरै पांणी मगरै तांई जाय छै । तळावमें पांणी माछळारा मगरारो, सीसरवारा मगरारो घणो आवै छै । तळाव निपट वडो छै । माहे मगरमछ रहै छै । तळाव ऊंडो घणो छै । ते' तळावरी मोरी छूट छै । तिणथी' घणी धरती दोळो' फिरै छै । तिणरो घणो हासल हुवै छै । पछै तळावरो पांणी वेडच नदी भेळो हुवै छ,12 अहाड़री पाखती जातो थको । पीछोला पाखती दीवांणरा कोट, महल, सहर छै । मोहलांसू निजीक तळाव पीछोला माहे लाखोटारी 4 ठोड़ तळाव विचै राँणे अमरसिंघ वादळमहल करायो छै । तळावरी पेली तीर 15 रांणे जगतसिंघ मोहणमिंदररा मोहल कराया छै सु छै6। वाग छै । सहररी पांणीरी
मुदार” तळाव पीछोला ऊपर छै । बीजो पांणीरो निवांण तिसड़ो20 .. सहररी पाखती घाटू छै । वाग-बाड़ी छै22 । सहर माहे देहुरा १५ - तथा २० छै । जैनरा, सिवरा ।
सहररी वसतीरो उनमांन24. .. १..घर २००० महाजनांरा - ओसवाळ, महेसरी, हबड़,
___ चीतोड़ा, नागदहा, नरसिंघपुरा, पोरवाड़ ।25 २. घर १५०० ब्राह्मणांरा । ३. घर ५०० पंचोळीयांरा घणा26 दूसरा भटनागर ।
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। एक ओर । 2 वायव्य और पश्चिम दिशाके बीचकी दिशा । 3 तव । 4/5 तक जाता है । 6 अत्यन्त । 7 उस । 8 नाली । 9/10 जिससे पानी बहुत सी भूमिके चारों ओर फिर जाता है। 11 जिसका बहुत लगान प्राप्त होता है । 12 बेड़च नदीमें मिल जाता है। 13 आहाड़ गांवके पास जाते। 14 किनारेसे पानीकी दूरी और गहराईका अनुमान लगानेके लिये बनाया हुआ मान . सूचक टीवा एवं तैराकोंको प्रतिस्पर्धामें निर्दिष्ट लक्ष्य तक पहुँच जानेका चिह्न या स्थान (लक्ष्य घट्ट)। 15 परले किनारे । 16 कराये हैं सो हैं। 17 आधार । 18 दूसरा। 19 जलाशय। 20 जैसा। 21 कम है। 22 वाग बगीचे हैं। 23 मंदिर । 24 अनुमान । 25 महाजनोंकी (बणिक समाजकी) सात जातियोंके नाम | 26 कायस्थ और भटनागरोंके मिलकर ५०० घर, जिनमें कायस्थोंके अधिक ।
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