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मुंहता नैणमीरी ख्यात घाटो कोस १४ पंचाध-फूणपूँ। आवड़-सावड़रा वडा मगरा छै। घाटार ढाळ देहुरो रांणपुरमें श्रीआदनाथजीरो सा धरणरो' करायो । वडो प्रसाद छै । पहली अठै वडो सहर वसतो। ऊदाकुंभावतांरो वसायो । हमै तो' सहर सूनो छ । रांणपुर आगे कोस तीन सादड़ी बसै छै । घाणेरारो घाटो उदैपुरवू कोस १९ वायव' कूँणमें, गढ कुंभलमेर निजीक । जिल्हवाड़ारो घाटो सहरथी कोस २३ । मानपुरैरो घाटो सहरथी कोस ४० सारण उत्तरे ।
गिरवारी हकीकत
उदैपुररी गिरदवारी कोस ५ । आगे गिरवो' कहीजै । गांव ५२ देवड़ारो उतना छो। तिण माहे उदैपुर वसिया वे तूट गया। हळखड़सा 2 अजै गांवां मांहे छै । ..
च्यार-छपनरी14 विगत
उदैपुर कोस छपनिया-राठोड़ारो16 उतन छै । मैं छपनिया राठोड़ सोनगरा पोतरा। वडा भूमिया' । रांणो उदेसिंघ इणांरै मेवाड़ वास तोड़णनूं हुवो थो, सु राणा प्रतापरी वार9 माहे जातां तूटा । पिण छूटा-फूटा20 छपनिया अजेस-तांई छपनुरा गांवां मांहे छै । मेवास22 को नहीं । च्यारै छपनरा गांव २२४
५६ एक झाडोलरी लार।
५६ एक सलूंबर लार ।. 1 उत्तर और वायव्य कोणके श्रीचकी दिशा । 2 शाह धरणका बनवाया हुआ राणपुर में आदिनाथ जी का मंदिर । 3 बड़ा मंदिर है । 4 अब तो। 5 खाली। 6 घाणेराव नामक गांव । 7 वायव्य कोग । 8 से। 9 उसके पूर्व गिरया कहलाता था। 10 जन्म-भूमि । 11 उदेपुर बसा तब वे टूट गये। 12 हल चला कर कृषि पर निर्वाह करने वाले (कृषक)। 13 अव भी। 14 राठोड़ोंके छप्पन छप्पन गाँवोंके चार समूह । 15 कोसोंको संख्या मूल प्रतिमें नहीं है। 16 चार समूह वाले छप्पन-छप्पन गांवों में रहने वाल राठोड़ राजपूत, जो अब भी अपनिया राठोड़ ही कहलाते हैं। 17 बड़े जागीरदार । 18/19 राना उदयसिंह इनका मेवाड़ में रहना उखाड़नेको तत्पर हुआ या सो राना प्रतापके समयमें ये टूटे । 20/21 फिर भी .
ट-पुरे छप्पनिये अभी तक इन छप्पनके गांवों में हैं । 22 छिपे हुए रह कर लूट-खसोट करनेको स्थितिमें कोई नहीं है । 23 छप्पन गांवोंका एक समूह झाडोल गांवके अन्तर्गत ।