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प्रारम्भिक कार्यवाही।
करनेपर उद्यत हुए। आर्थिक सहायता जो उनको मिली अत्यन्त उपयोगी हुई; क्योंकि बिना कोषके सेना नहीं होती।
थोड़े दिन शिवाजीके साथ रह कर छत्रसालने और भी कई उपयोगी बातें सीस्त्रीं । जो काम उनको करना था उसमें महाराष्ट्र केसरी शिवाजी पारङ्गत थे। सेनाका प्रबन्ध, राज्यका शासन, प्रजाका पालन-पोषण, युद्धकी सामग्रीका एकत्र करना, मुगलोंके साथ लड़नेको रीति, विजित राज्योंसे कर लेना, ये सभी बातें एक भावी राजाके सीखने योग्य थीं और इन सबकी शिक्षा शिवाजीके यहाँ सर्वोत्तम रीतिसे मिल सकती थी।
निदान इन बातोका आवश्यक ज्ञान प्राप्त करते हुए छत्रसाल शिवाजीसे बिदा हुए। इस बार इनके पास शिवाजीके आज्ञापत्र थे, इसलिये किसी प्रकारकी रोकटोक न हुई और ये स्वच्छन्द महाराष्ट्र राज्य के बाहर हो गये। ___ कार्य तो निश्चित हो ही गया था-मुख्य साधन धन भी अपने पास था। कार्यप्रणाली सोचते सोचते दोनों भाई उत्तरकी और लौटे।
७. प्रारम्भिक कार्यवाही। कोई कार्य हो केवल धनसे ही उसकी सिद्धि नहीं होती। उसके साधक मनुष्य भी चाहिये । छत्रसालको धन तो मिल गया था; अब इनको योग्य मनुष्योंकी खोज हुई। शिवाजीकी शिक्षानुसार ये बुंदेलोंमें ही अपने सहायक ढूँढ रहे थे।
दक्षिणसे चलते हुए इनको पता लगा कि पास ही शुभकर्ण नामके एक बुंदेला सरदार किसी किलेके किलेदार हैं ।
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