Book Title: Karm Prakruti Part 02 Author(s): Shivsharmsuri, Acharya Nanesh, Devkumar Jain Publisher: Ganesh Smruti Granthmala View full book textPage 9
________________ विषयानुक्रम गाथा सं. पृष्ठस. गाथा - १ गाथा - २ गाथा - ३ गाथा - ४ २ संक्रमकरण संक्रम का लक्षण संक्रम लक्षण की सार्थकता संक्रम के नियम दर्शनमोह संक्रम विषयक अपवाद पतद्ग्रह प्रकृति का लक्षण मूल कर्मप्रकृतियों का संक्रम न होने का कारण मोहनीय और आयुकर्म की उत्तर प्रकृतियों में संक्रम नहीं होता क्रम-व्युत्क्रम से संक्रम होने का नियम मोहनीय की कुछ प्रकृतियों का आनुपूर्वी संक्रम कब होता है पतद्ग्रह प्रकृतियों सम्बन्धी अपवाद संक्रम्यमाण प्रकृतियों की सादि अनादि प्ररूपणा पतद्ग्रह प्रकृतियों की सादि अनादि प्ररूपणा ज्ञानावरण और अन्तरायकर्म के संक्रम व पतद्ग्रह स्थान दर्शनावरण कर्म प्रकृतियों के संक्रम व पतद्ग्रह स्थान दर्शनावरण कर्म प्रकृतियों के संक्रम व पतद्ग्रह स्थानों की सादि-अनादि प्ररूपणा वेदनीय और गोत्र कर्म प्रकृतियों के संक्रम और पतद्ग्रह स्थान मोहनीय कर्म प्रकृतियों के संक्रमस्थान मोहनीय कर्म प्रकृतियों में चौबीस प्रकृतिक संक्रमस्थान न होने का कारण गाथागाथागाथा - गाथा -८ गाथा -९ 1w9. गाथा - १० १४ [ ७]Page Navigation
1 ... 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 ... 522