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लाला वख्तावर सिंहजी साहिब
लुधियाना ( पञ्जाब) निवासी को सादर धन्यवाद
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आप एक सखी सद् गृहस्थ हैं । पहले आप प्रजैन थे । सद्गत न्यायाम्भोनिधि नवयुग प्रवर्त्तक १००८ श्रीमद्विजयानन्द सूरीश्वरजी ( आत्मारामजी ) महाराज के सदुपदेशामृत का पान करके आप पक्के जैन धर्मानुयायी बने । आप स्वर्गस्थ गुरुदेव के तथा उनके पट्टालंकार वर्तमान आचार्य महाराज १००८ श्रीमद्विजय वल्लभ सूरीश्वरजी महाराज के पूर्ण भक्त एवं विश्वासपात्र हैं ।
जिस प्रकार उक्त गुरुदेवों में आपकी अटल श्रद्धा है, उसी प्रकार जैन धर्म के प्रति भी, अर्थात् आप जैन धर्म के परम उपासक हैं। देव पूजा, सामायिक आदि आपके नित्य नियम हैं ।
संवत् १९७१ में आपने उक्त वर्त्तमान श्राचार्य महाराज के समक्ष बारह व्रत स्वीकार किये थे और उनका पालन बरीवर कर रहे हैं । Phentertenmente*epreneurshiperen
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