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पूर्वा फाल्गुनी
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र राशिपथ में 133.20 अंश एवं 146.40 अंशों के मध्य स्थित है तथा मघा की तरह यह नक्षत्र भी सिंह राशि (स्वामी : सूर्य) के अंतर्गत आता है | पर्यायवाची नाम है- फाल्गुनी अरबी में इसे 'अल जुबराह' ( सिंह की अयाल ) कहते हैं । इस नक्षत्र में दो तारे हैं। आकृति मचान के समान लगती है । प्रथम चरण का स्वामी - सूर्य, द्वितीय चरण का स्वामी-बुध, तृतीय चरण का स्वामी - शुक्र एवं चतुर्थ चरण का स्वामी - मंगल है |
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अदिति के एक पुत्र भग को नक्षत्र - देवता तथा शुक्र को नक्षत्र स्वामी माना गया है। गणः मनुष्य, योनिः मूषक तथा नाड़ी: मध्य है।
चरणाक्षर हैं - मो, टा, टी, टू।
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातक हष्ट-पुष्ट तथा आकर्षक व्यक्तित्व वाले होते हैं। उन्हें विरासत में जैसे एक अंतर्ज्ञान शक्ति मिली होती है। यात्रा - प्रिय, परोपकारी वृत्ति के ऐसे जातक स्वतंत्रता -प्रिय तथा किसी न किसी क्षेत्र में प्रसिद्ध होते हैं । उनमें ईमानदारी से कार्य करने की, अवैध कार्यों से सदैव दूर रहने की प्रवृत्ति होती है । वे 'जी हुजूरी' से दूर रहते हैं तथा स्वतंत्र रहने की कोशिश करते हैं। इसके कारण उन्हें एकाधिक बार नौकरी बदलनी पड़ सकती है। यह इसलिए भी कि वे तरक्की, जीवन में आगे बढ़ने के लिए सदैव अच्छे और सच्चे मार्ग का अवलंबन करना चाहते हैं। चालीस वर्ष की अवस्था के बाद उनका जीवन सुखी होता है ।
ऐसे जातकों का पारिवारिक जीवन सुखी होता है । पत्नी भी अच्छी मिलती है। बच्चे भी अच्छे होते हैं । पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मी जातिकाएं ज्योतिष-कौमुदी : (खंड- 1 ) नक्षत्र विचार 130
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