Book Title: Jyotish Kaumudi
Author(s): Durga Prasad Shukla
Publisher: Megh Prakashan Delhi

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Page 236
________________ चतुर्थ चरण: यहाँ शनि अशुभ फल देता है। जातक को काफी परेशनियां उठानी पड़ सकती हैं। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में राहु के फल उत्तराभाद्रपद के प्रथम चरण को छोड़ शेष अन्य चरणों में जातक के धनी, विद्वान होने की सूचना मिलती है। तृतीय चरण: यहाँ राहु विधवाओं की संगति की ओर प्रवृत्त करता है। चतुर्थ चरण में उसका जिद्दी स्वभाव उसके लिए हानिकारक होता है। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में केतु के फल उत्तराभाद्रपद में केतु की स्थिति जातक के विदेश-गमन, पारिवारिककलह से दुखी होने की सूचना देती है। प्रथम चरणः जातक के घर से भाग जाने की आशंका होती है। द्वितीय चरण: जातक को धन की क्षति उठानी पड़ती है। तृतीय चरणः जातक को कृषि कार्यों से लाभ होता है। चतुर्थ चरण: जातक विदेश में प्रवास करता है। शिक्षा में भी व्यवधान आता है। ज्योतिष-कौमुदी : (खंड-1) नक्षत्र-विचार - 234 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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