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पं. दुर्गा प्रसाद शुक्ल हिंदी के वरिष्ठ पत्रकार, लेखक एवं सुप्रसिद्ध अनुवादक हैं। कुछ वर्षों पूर्व हिन्दी की साहित्यिक-सांस्कृतिक पत्रिका 'कादम्बिनी' के डिप्टी-एडीटर पद से सेवा-निवृत्त हुए। इन अवधि में श्री शुक्ल का देश के अनेक प्रख्यात ज्योतियों-हस्तरेखाविदों एवं तांत्रिकों से परिचय हुआ। इस सम्पर्क ने उन्हें इन विषयों के अध्ययन की ओर उन्मुख किया। अपने अध्ययन में उन्होंने पाया कि इन विषयों की अधिकांश पुस्तकें एक परंपरागत शैली पर आधारित हैं जो कहीं-कहीं अस्पष्ट और दुरुह भी हो जाती है। अतः उन्होंने ज्योतिष, हस्तरेखा शास्त्र और तंत्रवेद्या पर ऐसी प्रामाणिक पुस्तकें लिखने का
न बनाया जो वास्तविक रूप से पाठकों का मार्गदर्शन करने में सक्षम हो। उनके लेखन की विशेषता पाठकों को अंधविश्वासी न बनाकर, उनमें जिज्ञासु भाव का सृजन करना है। प्रकाशित कृतियाँ-1. द्वादश भाव रहस्य, 2. आपका हाथ-आपका सच्चा मित्र, 3. शनिः कब शुभ, कब अशुभ, 4. मंगल : कब शुभ, कब अशुभ, 5. राहु-केतु : कब शुभ, कब अशुभ, 6. ग्रहों का कामभाव पर प्रभाव, 7. तंत्र विद्या का यर्थाथ, 8. सफलता या असफलता-चुनाव आपका, 8. रत्नप्रश्नोत्तरी, 9. समय की बाँसुरी शीघ्र प्रकाश्य-1. मुखाकृति विज्ञान, 2. स्वप्न विज्ञान, 3. ज्योतिष कौमुदी
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