Book Title: Jyotish Kaumudi
Author(s): Durga Prasad Shukla
Publisher: Megh Prakashan Delhi

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Page 231
________________ चतुर्थ चरण: यहाँ शनि जातक के उच्च पदस्थ होने की संभावना दर्शाता है। गुरु की दृष्टि हो तो जातक इंजीनियर या आर्किटेक्ट बन सकता है। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में राहु के फल प्रथम चरण: यहाँ राहु के सामान्य फल मिलते हैं। द्वितीय चरणः यहाँ जातक धनी, यशस्वी एवं सुखी परिवार वाला होता है। तृतीय चरण: यहाँ जातक का युवावस्था तक का जीवन संघर्ष पूर्ण रहता है। चतुर्थ चरण: यहाँ राहु शुभ फल देता है। जातक के धनी-मानी, शासक एवं अनेक उद्योगों के स्वामी होने का फल कहा गया है। पूर्वाभादपद्र नक्षत्र में केतु के फल पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम दो चरणों में केतु के अच्छे फल कहे गये हैं। प्रथम चरण: यहाँ यदि केतु के साथ मंगल हो तो जातक ग्राम या नगर-प्रमुख हो सकता है। द्वितीय चरणः यहाँ केतु के होने से धनी होने का फल कहा गया है तथापि पत्नी से जातक दुखी ही रहता है। तृतीय चरणः यहाँ जातक मानसिक अवसाद का शिकार हो सकता है। चतुर्थ चरण: यहाँ केतु जातक को सट्टे-फाटके की ओर प्रवृत्त करता है। ज्योतिष कौमुदी : (खंड-1) नक्षत्र-विचार ।। 229 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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