________________
. द्वितीय चरणः यहाँ राहु की स्थिति जातक को नौकरी में प्रवृत्त करती हैं। वह यातायात अथवा राजस्व विभाग में नौकरी करता है।
तृतीय चरणः यहाँ राहु सामान्य फल देता है। स्त्रियों की कुंडली में में स्थित राहु कामावेग में वृद्धि करता है।
चतुर्थ चरणः यहाँ राहु व्यक्ति को दुर्गुणों से युक्त करता है।
हस्त के विभिन्न चरणों में केत । प्रथम चरण: यहाँ केतु विशेष लाभ नहीं देता। जातक का जीवन सामान्य बीतता है।
द्वितीय चरणः यहाँ भी केतु शुभ फल नहीं देता। जातक की स्मरण-शक्ति क्षीण होती है। __ तृतीय चरणः यहाँ केतु शुभ फल देता है। जातक उच्च शिक्षा प्राप्त करता है और उत्तरोत्तर उन्नति करता जाता है।
. चतुर्थ चरण: यहाँ भी केतु शुभ फल देता है। गुरु के साथ केतु की युति जातक को प्रकाशन व्यवसाय में प्रवृत्त करती है।
ज्योतिष-कौमुदी : (खंड-1) नक्षत्र-विचार - 150
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org