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विशाखा
विशाखा नक्षत्र राशिपथ में 200.00 से 213.20 अंशों के मध्य स्थित है। पर्यायवाची नाम है-इंद्राग्नि । अरबी में इसे 'अजजुबनान' कहते हैं। यह नक्षत्र वृश्चिक राशि (स्वामी : मंगल) के अंतर्गत आता है। इसमें चार तारों की स्थिति मानी गयी है, जो एक तोरण की भांति दिखायी देते हैं। नक्षत्र स्वामी इंद्राग्नि तथा स्वामी ग्रह गुरु है। गण: राक्षस, योनिः व्याघ्र एवं नाड़ी: अंत्य है। चरणाक्षर हैं: ती, तू, ते, तो।।
विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातकों का व्यक्तित्व आकर्षक एवं आभायुक्त होता है। वे बेहद बुद्धिमान, ऊर्जा-संपन्न, सत्यनिष्ठ एवं ईश्वरभक्त होते हैं तथापि उन्हें रुढ़िवादिता या पुरानी परंपराओं से कोई मोह नहीं होता। जीवन में किसी का अहित नहीं चाहते, और यह भी चाहते हैं कि लोग दूसरों का अहित न करें। गांधीजी की तरह वे भी सत्य को ईश्वर तथा अहिंसा को ‘परम धर्म' मानते हैं। उनकी ओजस्वी वाणी श्रोताओं को प्रभावित किये बिना नहीं रहती अतः यदि ऐसे जातक राजनीति में जाएं तो वे समाज का काफी भला कर सकते हैं। वैसे वे व्यवसाय में भी सफल हो सकते हैं तथा जिम्मेदारी के किसी पद का भी बखूबी निर्वाह कर सकते हैं।
ऐसे जातकों को माता का पर्याप्त स्नेह और सुख नहीं मिल पाता। कारण हो सकते हैं या तो मां का निधन या अन्य कारणों से मां का विलगाव।
ऐसे जातक अपनी पत्नी तथा बच्चों से बेहद प्यार करते हैं तथापि ज्योतिष-कौमुदी : (खंड-1) नक्षत्र-विचार - 164
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