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प्यार करें और जीवन को श्रेष्ठ बनाएँ। सजगता रखिए जीवन-रूपांतरण के प्रति
___लोग मुझसे कहते हैं 'चातुर्मास शुरू हो गया, पर तपस्या, उपवास कम हो रहे हैं।' मैं कहता हूँ 'इस बार उपवास तो कम हो सकते हैं, शायद पिछले वर्ष अधिक तपस्या हुई हो, उसके पिछले वर्ष और भी अधिक उपवास हुए हों। इस बार उपवास तो कम हुए हैं, मगर एक और चीज भी कम हुई है, वह यह कि लोगों का क्रोध बहुत कम हो गया है।' यह जीवन का बहुत बड़ा उपवास है। उपवास करके भी क्रोध कर लिया तो उपवास व्यर्थ है और भोजन करके भी विपरीत वातावरण में शान्त और तटस्थ हैं तो उपवास सध गया है। अगर हम अपने स्वभाव को सुधार लेते हैं, उसे पवित्र और निर्मल बना लेते हैं तो इससे बड़ी जीवन की तपस्या अन्य क्या होगी? तेला करने से पहले कहीं जरूरी है झमेले मिटाना। इस वर्ष तपस्या भले ही कम हुई हो, पर घर-घर की समस्याएं भी कम हुईं।
आपने भगवान महावीर के जीवन की बहुत-सी घटनाओं को पढ़ा होगा। लेकिन आज मैं जिस घटना की चर्चा करने जा रहा हूँ, हम सभी उससे अनभिज्ञ हैं। क्योंकि हमने महावीर के जीवन को आधा-अधूरा ही पढ़ा है। हम यह तो जानते हैं कि महावीर के कानों में कीलें ठोंकी गईं और वे उन्हें सहन कर गए। हम यह भी जानते हैं कि उनके पांव में चंडकौशिक सर्प ने डंक मारा और उसे भी वे सहन कर गए। उनके पांवों में अंगीठी जलाई गई और उन्होंने उसे भी सहन कर लिया। उन्हें कुएँ में उल्टा लटकाया गया और वे सहन कर गए। उनके पीछे कुत्ते छोड़े गए और वे सहन कर गए। कानों में कीलें ठोके जाने की घटना तो हम सब जानते हैं, लेकिन आगे का प्रसंग बड़ा मार्मिक है।
कुछ दिनों बाद एक वैद्य ने उन कीलों को बाहर निकाला। जिस समय कान में से कीलें निकाली जा रही थी; सम्पूर्ण साधनाकाल के दौरान पहली बार, भगवान की आँखों में से आँसू आ गए। वैद्य ने पूछा, 'क्षमा करें भगवन् , क्या इतनी अधिक पीड़ा हो रही है? मैं तो आपकी पीड़ा को दूर कर रहा हूँ, आपके दर्द को कम करने की कोशिश कर रहा हूँ। क्या इतनी पीड़ा हो रही है जिससे कि आपकी आँखों में आँसू आ गए ?' भगवान् ने करुणा भरे भाव से कहा, 'वत्स, मेरी आँखों में आँसू पीड़ा से नहीं आए हैं, ये आँसू तो करुणा और दया के आँसू हैं, मैं सोच रहा हूँ कि जब मैं साधना काल में था तो मेरे कानों में कीलें ठोंकी गईं और मैं सहन कर गया, लेकिन जब उस ग्वाले के कान में कीलें ठोंकी जाएंगी तो वह बेचारा कैसे सहन करेगा!'
__ इसे कहते हैं प्रेम और अन्तर् हृदय की करुणा कि जिसने कान में कीलें ठोंकी, उसके प्रति भी करुणा और कल्याण की कामना। महावीर तो वही होता है जो जीवन में महानता को जीता है। जो तुम्हें क्रॉस पर लटकाये, तुम उसके लिए भी कल्याण की कामना करो, तभी तुम जीसस बन पाओगे।
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