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कर्म किये थे सो ऐसा पति मिला जो हर समय धौंस जमाता रहता है। यह काम करो नहीं तो, वह काम करो नहीं तो ........ आखिर मैं करूं क्या? इस तरह छह महीने बीत गए। उस व्यक्ति ने सोचा दोस्त ने बडी जोरदार बात बताई है। इसकी तबसे हिम्मत नहीं हई जबान चलाने की। पत्नी बेचारी सोचती न जाने क्या बात है हरदम धमकाते रहते हैं, कहीं मैं कुछ बोल दूं तो डर लगता है मुझे छोड़ ही न दें, कहीं तलाक ही न ले ले।
साल भर बीत गया तब भी उस युवक की आदत नहीं सुधरी। जब भी कुछ काम कहता 'नहीं तो जरूर जोड़ देता। एक दिन पत्नी अपनी पड़ोसन के यहाँ गई जो थोड़ी उम्रदराज थी। उसने बातों-बातों में बताया कि मेरा पति जो कहता है मैं करने को तैयार रहती हूँ, आज तक 'ना' नहीं कहा है, लेकिन जबसे इस घर में आई हूं मेरे साथ एक बात हो रही है । वे हमेशा कहते हैं कि यह काम करो नहीं तो, वह काम करो नहीं तो, ऐसा करो नहीं तो, वैसा करो नहीं तो, मेरे साथ हर वक्त नहीं तो, नहीं तो क्यों होता है। आप मुझे कोई उपाय बताएं। पड़ोसन ने कहा 'ठीक है, आज जब वह ऑफिस से आए और तुम्हें कोई काम बताए और कहे नहीं तो, तो तुम पूछ लेना नहीं तो क्या कर लोगे।' उसने कहा 'नहीं, नहीं यह नहीं पूछ सकुँगी, कहीं नाराज हो गए तो, मुझसे तलाक ही ले लिया तो?' पड़ोसन ने कहा 'तू चिंता मत कर, हिम्मत करके आज पूछ ही लेना। मैं सब जानती हूँ तेरा पति कितना दब्बू है । वह कुछ नहीं कर सकता है।'
___ शाम को पति घर आया, जनवरी का महीना था आते ही उसने कहा मुझे नहाना है मेरे लिए पानी गर्म कर नहीं तो .......' पत्नी ने हिम्मत बटोरी और पूछ ही लिया ‘नहीं तो आप क्या कर लेंगे ?' अब बारी पति की थी उसने सोचा दोस्त ने यहीं तक बताया था आगे तो बताया ही नहीं था और कुछ उपाय सूझा नहीं सो कहा 'नहीं तो क्या ठंडे पानी
सावधान रहिये, अगर आपके पति में ज्यादा धौंस जमाने की आदत रखते हैं तो मेरी बहिनों हौंसले कभी पस्त न होने देना और हिम्मत करके यह बात पूछ ही ले ना - नहीं तो क्या कर लोगे? वो ठंडे पानी से नहाने के अलावा और कुछ नहीं कर सकता। कहना-सुनना एकांत में
पति-पत्नी के रिश्तों में एक बात ओर ध्यान रखें कि पत्नी के साथ प्रेमभरा व्यवहार करें। चार लोगों के बीच उसे टोकाटोकी न करें। मुझे यह बात चुभती है। एक पति-पत्नी हमसे मिलने के लिए आए। बहुत से लोग हमारे पास बैठे थे। पत्नी ने कुछ बात कही और पति ने उसे अपनी आँखें दिखानी शुरू कर दीं, पत्नी बेचारी सहमकर एक किनारे बैठ गई। तब मैं सोचने लगा आखिर आदमी ऐसा क्यों करता है ? तुम्हें अपनी बात कहने
क है तो क्या पत्नी को यह हक नहीं है। उसके अधिकारों का क्या हम यं ही हनन करते रहेंगे ? घर-परिवार में अगर आपकी वाइफ है तो उसे सही सलामत रखें। यही आपकी लाइफ है । याद रखें, वाइफ को दुःखी रखकर आप अपनी लाइफ को सुखी नहीं बना सकते।
अगर आप पत्नी से अनुशासन चाहते हैं तो आप भी अनुशासन में रहें। उसकी गलती होने पर अगर उससे
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