Book Title: Jine ki Kala
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Jityasha Foundation

View full book text
Previous | Next

Page 150
________________ जीवन को निर्मल बनाने के सरल उपाय मधुर वचनों से प्रेम के पुल निर्मित होते हैं, वहीं कटु वचन से द्वेष की दीवारें । हमारा जीवन प्रकृति का अनमोल उपहार है। प्रकृति के लिए सूरज-चांद-सितारे -आसमान का मूल्य है । नदी- झील-झरनों का मूल्य है, पर्वत और वन-सम्पदा का मूल्य है, लेकिन इन सबसे भी कहीं अधिक संपूर्ण ब्रह्माण्ड में हमारा जीवन ही बहुमूल्य है। वह जीवन जिसके रहने पर पृथ्वी ग्रह की उपयोगिता है और जिसके न रहने पर पृथ्वी केवल पानी और ज़मीन का विशाल भाग भर रह जाएगी। जीवन के होने से ही मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे और गिरिजाघरों का मूल्य है । जीवन स्वयं मंत्र हमने अपने जीवन में देवी-देवताओं की आराधना के लिए मंत्रों का जाप किया है, किसी ने शक्ति की भक्ति की है। किसी ने दुर्गा की पूजा की है, किसी ने महावीर और बुद्ध की उपासना की है तो किसी ने राम और कृष्ण के मंत्र का जाप किया है । पर हमने अपने जीवन में छिपी हुई शक्तियों को कभी पहचानने की कोशिश नहीं की है। Jain Education International मैं मानता हूं नवकार मंत्र का मूल्य है, गायत्री मंत्र का भी मूल्य है, मैं यह भी जानता हूं कि संसार में जितने मंत्र हैं उन सभी का मूल्य है, पर आप यह सोचें कि अगर जीवन ही न रहा तो इन मंत्रों का क्या उपयोग होगा । आज जब हम जीवन के बारे में समझने का प्रयास कर रहे हैं तो समझेंगे कि जीवन के ऐसे कौन से मंत्र होते हैं जिन्हें अगर हम जिएँ, जिह्वा से गुनगुनाएं, कानों से श्रवण करें, आंखों से देखें और जीभ से चखें तो मंत्र हमारे जीवन का कायाकल्प कर सकते हैं। ये वे मंत्र हैं जो हमारे जीवन की दशा और दिशा बदल सकते हैं । जीवन का पुनरुद्धार कर सकते हैं। इन मंत्रों को अगर अपने जीवन के साथ जोड़ते हैं तो ये हमारे जीवन का कायाकल्प कर सकते हैं । 149 For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org.

Loading...

Page Navigation
1 ... 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186