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केवलमानी पॉर सर्वश महापौर ने संसारी जीवों के कल्याण के लिए बीड़ा उठाया और पम्मिका ग्राम से माध्यम-पावा में पहुंचे जहां सोमिल ब्रास ने एकविराट पन की संयोजना की थी। इस यश को पूरा करने के लिए पास-पास के भनेक मूर्धन्य पंरित उपस्थित हुए थे। गौतम गोत्रीय इन्द्रभूति भनिभूति और वायुमूति मगध से, मस्त और सुपर्भा कोलाग सन्निवेश से, मंडित और मौर्य पुष मौर्य संन्निवेश से, मकंपित मिथिला से मचनभाता कौशल से, मेतार्य तुगिक से पार प्रभास राजमुह से पाये । ये सभी विद्वान बाहरण गोत्रीय थे और वे अपनी 4400 शिष्य मंडली के साथ या शाला मे उपस्थित थे। महावीर को अपनी धर्म देखना के लिए इन विद्वानों की पावश्यकता थी। इसी दृष्टि से वे पाशाला के समीपवर्ती उचान में पहुंचे। बिजली के समान बड़ी शीघ्रता पूर्वक उनके माममन का समाचार सारे नगर में फैल गया। राजा से लेकर रंक तक उनके तपोतेज के समक्ष नतमस्तक होने पहुंचने लगे।
भीड़ को किसी एक मोर जाते देखकर इन्द्रभूति गौतम ने जिज्ञासा प्रकट की और यह जानकर कि श्रमण महावीर माये हैं, एक मानसिक चिन्ता से प्रस्त हो गये । वे यह जानते थे कि उनकी यज्ञ सस्था को महावीर के पूर्ववर्ती तीर्थकर पाश्वं नाथ ने काफी हानि पहुंचायी थी और उनके अनुयायी अभी भी उन्हें माति से नहीं बैठने देते थे। इन्द्रमूति को लगा कि महावीर को पराजित किए विना पत्रों की लोकप्रियता बढ़ापी नहीं जा सकती । वे चल पड़े महावीर के पास विवाद करने के उद्देश्य से पार पहुचे समवशरण मे । उन्हे माता देखकर महावीर ने गोल मौर माम के साम इन्द्र भूति का प्राज्ञान किया और बाद में उनकी दार्शनिक कामों का समाधान किया। प्रारम्भ मे तो इन्द्रभूति प्रहकार के मद से भरे थे, पर बाद में धीरे-धीरे उन्होंने महावीर के चुम्बकीय व्यक्तिस्व को प्रणाम किया और उनके शिष्य बन गये।
इन्द्रसूति की यह स्थिति देखकर उनके भाई अग्निभूति और वायुभूति भी कृष हतप्रम-से हुए पर ये इन्द्रभूति को महावीर के प्रभाव से मुक्त करने के लिए उनके पास शात्रीय पर्चा के लिए निकल पड़े। अंत में वे भी महावीर के प्रभाव से बन सके। इसी तरह शेष विद्वान भी एक-एक कर महावीर के समवशरण में दीक्षित होते गये । यह उनकी धर्म देशना का प्रथम प्रभाव था।
महावीर काल में प्रचलित पार्शनिक मतों की सस्या सूत्रांग व गोमसार पारियों में 363 बतायी है और बौड प्रथों में 62 प्रकार की मिथ्या दृष्टियों का उस्लेख पाया है । इन मत पादों का कुछ अनुमान हम उपयुक्त 11 विवानों के पिपिए सिखातों से भी कमा सकते