Book Title: Jain Jivan
Author(s): Dhanrajmuni
Publisher: Chunnilal Bhomraj Bothra

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Page 10
________________ अनुक्रम पृष्ठ पृष्ट । १. भगवान प्रपन देव २. मन्देवीमाताको मुक्ति २ ३ मुट्ठी कहानी कहा ! (माहवन्दी) 1. हायोगे उतरी! ५ पांच महलमें पोवनमान ६ दवा नही यो ७ मलि प्रभु विवाह नही दिया २१ है गुलामे गनके चाचा २४ २७. श्री सपा और बत्तमा २६ .' -गारे लहपुगीनाथ मनोकादा 2: कौरव-पाव ४१ १८ द्रौपदीले पांच पनि त्यो ८२ १५ भगवान पार्थनाय ५४ १६ प्रदेशका प्रश्न १८ भगवान महावीर १८. श्रीगौतमन्वानी १६. महार अभिनट फना ७३ २०. दो माधु जला दिए २१. फिज्जमाणे का? २२. श्रीजम्यून्यामी २३. पतन और उज्यान २४. आदर्य-अमादान २५ जनोपदी बनी प्रभागामाता यह

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