Book Title: Jain Dharma Darshan Ek Samikshatmak Parichay Author(s): Mohanlal Mehta Publisher: Mutha Chhaganlal Memorial Foundation BangalorePage 12
________________ (११) अणु स्कन्ध पुद्गल का कार्य शब्द बन्ध १८३ १९२ १९७ १९८ १९९ सौम्य २०० २०० २०० 9 90 ० ० ० ० ० २०० स्थौल्य संस्थान भेद तम छाया आतप उद्योत पुद्गल और आत्मा औदारिक शरीर वैक्रिय शरीर आहारक शरीर तैजस शरीर कार्मण शरीर २०१ २०१ २०१ २०२ ०२ २०३ २०४ २०४ धर्म २०५ २०७ २१२ अधर्म आकाश अद्धासमय विश्व का स्वरूप अधोलोक मध्यलोक ऊर्ध्वलोक नारकी देव मनुष्य २१९ २२६ २२८ २३० २३३ २३४ २३६ २४० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 658