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राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
ग्रन्थनाम'
कर्त्ता
भापा
लिपि- | पत्रसमय | सख्या
विशेप
* *
२००७
६८१
| ३००७ | गणितसार मूल श्रीधराचार्य संस्कृत | १५१३ | | कर्करपुर में लिखित ६५ | २००५ | गणितसार सटीक
मू०सं० १६वीं श. ५.
टी रागु | गणितसार सटीक
सं० १४४७ ३१ | गणितसार सार्थ शंभुनाथ अरा० १८वीं श. ८
( महादेव ) ६८ | ३८११ गतेष्टकरणविधि
रा० १६वीं श. २ नागोर में लिखित। ३२४७ गणितचन्द्रिका फकीरचद त्राहि. १८१६ २०
भुजनगर में लिखित ७० | १८६० । गर्गमनोरमाटीका
| संस्कृत | १८७२ १२ | गिरिधरानन्द वेदांगराय " १६वीं श. ७५ | १६वां अध्याय १६५
श्लोक तक, पश्चात् । अपूर्ण । पत्र ६० वा नहीं है। अजमेर नृपति गिरिधर की आज्ञा से रचित । आदि के २३ पद्यों मे गौड़
नृपवंशवर्णन है। गुरुचार
। रा० १८६१ | २३-३२ वगड़ी नगर मे
लिखित । गुरुचारादि
सरा गु. १८वीं श. ६ गुरुचारादि
१८२७ | ५-१६ | गुटका । ७५, २५४१ गुरुफल
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० १७१६ २ | नारदपुरी में लिखित १९८४ गुरुविचार
रागु०१७वीं श. ३ ७७ | ३१७७ | गूढप्रश्नप्रकाशन
| १८६७ ५ ६७३-1 गृहगोधाविचार
रागु०१७वीं श. गोलाध्याय
सं० १६वीं श, १३से५२ अपूर्ण २८६३ | ग्रहकेवली लग्नकेवली.
१६२८ १३०वां (६३) तथा नक्षत्रकेवली ६४५. ग्रहणलिखनानुक्रम नारायण
, १८२६, ३७ । स०१५८२ मे ग्रन्थ
कार रचित कृति नष्ट १)होने से, तदनतर ग्रथित कृति विस्तृत होने से प्रस्तुत रचना स०१६१६ में कपिला में की।