Book Title: Hastlikhit Granth Suchi Part 01
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir
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गीत-आदि
८]
क्रमांक ग्रन्याङ्क
ग्रन्थनाम
कर्ता
भापा
लिपि- पत्रसमय संख्या
विशेष
पदमुक्तावली
१८६०
(स्फुट पदसंग्रह) ३५६६ | पद संग्रह
वहि० १८वीं श. १७६ । गुटका अपूर्ण
१७वीं श-६२-१६६ , १७३७ ५८ | पाटण में लिखित ।
१७१ पद है १७३७ ५६–१२१ ३२६ पद
३५७१ / पद सग्रह
समयसु दर
रा०गू० २०वीं श. ७६-८१
३५७१ | पद सग्रह (२) ३५७५ | पद्मावती आलोयणा (१६) ११२२ | पद्मावती छद (१४) ३५४६ | परमेसरजीरो छंद
हर्पसागर
,
१८वीं श. ८-६
हररूपसेवक
| राज० / १८१६ १०-११
व्रज
१६वीं श. १३२ वां
१८८२ पवित्राएकादशीपद कुंभनदास (२०६) १८३६ | पांडवा की सज्माय | कान्ह सेवक (१३) २०४० | पार्श्वजिनस्तवनदीप ३५७५
पार्श्वनाथधुग्धरनिसाणी जिनहर्प
| राज०
१८३१ | ६५-६७
रागू०१८वीं श. ३ रागू० २०वीं श ११७
छंद
७६
रागू० १६११ | २-४
पार्श्वनाथधुग्धरनिसाणी जिनहर्प पार्श्वनाथधुग्धरनिसाणी रूप सेवक
माधवगढ मे
लिखित।
१२२
पार्श्वनाथ छद
पार्श्वनाथ छंद
१३-१४/ जीर्णपत्र
३५४८ | पार्श्वनाथ जीरो छद (८) २१०५] पार्श्वनाथदेसतरीछद । राजकवि २१०६ पार्श्वनाथदेसंतरीछंद २३२७ / पार्श्वनाथदेसतरी छद
१८वीं श| १ १६वीं श- २
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