Book Title: Hastlikhit Granth Suchi Part 01
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 311
________________ गीत-आदि PEL ] क्रमांक ग्रन्थाङ्क प्रन्थनाम कर्ता लिपि- पत्रसमय | संख्या विशेष १८८२ संजोगवत्तीसी मानकवि ब्रज १८वीं श ५ सं० १७३१ में अम रचदमुनि के आग्रह से रचित । ८२६ ११३७ सजोगबत्तीसी सं०१७३१ में अम१७१३ रचंदमुनि के आग्रह से रचित । संजोगबत्तीसी १७७६ सं० १७३१ मे रचित । साझी गीत ब्रज १६वीं श| ३८ वां (४०) २८६३ | सात वि (व्य) सनगीत | हीरकलश रा०गू० १६२२ / ७० वा स० १६२२ में लाड (३६) (नू) मे रचित, उसी समय मे लिखित |'होना संभव है। २१७६ | साधुवदना | पासचंद , १७३५ ६ | पाली में लिखित । सासू बहूनो सवाद गू० १६वीं श| ५३ वां स० (१८) १२ के (४३) दुष्काल से सबधित रचना। साहिबमहरवान छद | हररूपसेवक | हि० १६वीं श १३ वां | कवि का निवास स्थान सोमन(ज) था, ३५७५ सिद्धक्षेत्रचैत्यपरिपाटी | देवचद्र | रागू० २०वीं श २८० २६१ ११२२ | सिद्धरायजैसिंघना बज १८वीं श २६वां (२७) कवित ११२२ सिद्धरायजैसिंघना " ., २८ वा कवित ८३६ ३५११ सिद्धान्त चोपाई १७वीं श. १ ३५६७ सीकोतरीछद १६वीं श. १०६ ३५४६ (५८) (३१) सीताराम विवाह ८१से (१४६) सीमधरजिन त्रिभंगी छद आदि सीमधरजिन वीनति | भक्तिलाभ ३५७३ ७६-० जीर्ण प्रति । । (२८)

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