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क्रमांक प्रन्थाक
प्रन्थनाम
१३ | ११६२ | कराबदीन सफाई का सखा की वचनका
१४ ३=५६ | कल्पस्थान
१५ | २४११ कालज्ञान १६ | २=६३ कालज्ञान
(६७)
१७
७१४ १८ | ३८४३ १६ | ३४६६ | कालज्ञान भापार्थसहित
कालज्ञान कालज्ञान भाषा पद्य
२०
७१५ कालज्ञान सस्तचक
२१
२४
७१७ कालज्ञान सस्तचक २२ २२ | कालज्ञान सार्थ २३ | ३८२४ | कालज्ञान सार्थ १८४ कूटमुद्गर सटीक आदि २५ | ३५७३ | केशकल्प आदि वैद्यक (५) २६ २५४७ | कौतुकचिन्तामणि
श्रायुर्वेदशास्त्र
कर्त्ता
वाग्भट
शंभुनाथ लल्मीवल्लभ
ا.
भाषा
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हि० १८६६
संस्कृत १८वीं श
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स०रा०
मू० शंभुनाथ मू सं. स्त,
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लिपि -
समय
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प्रतापरुद्रदेव संस्कृत
१७८६
१८५५
१८२८
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संस्कृत १६वीं श. राज०
१८६०
१८वीं श.
१७३१
१८५७
१८७० १७वीं श. १३३ - १३४
पत्र
संख्या
३२
१७३३
ป
१८
यह कल ७
१६
३०
१४
२५
१८
१६वीं श १३५
४३
विशेष
[ १७१
पुष्पिका इति किताब
कराबादी सफाई
कानुस (खा) श्री मनमहाराजाधिराजराजेन्द्र महाराज श्री ईश्वरीसिंहजी
आग्या करी लिखा
(ख) ई हती तीकी वचनिका हिन्दी में श्रीमन्महाराजाधि राज राजेन्द्र श्रीसवाई प्रतापसिहजी कराई
संवत् १८५७ मिती
माश्र (घ) सुदि १५ | पोथी छंगालालजी फारसी की हींदगीम पाई ।
सहिता
गव ।
कृष्णगढ़ में लिखित | अपूर्ण । श्रय ३० श्लोक नष्ट |
१७४१ में रचित ।
कोहड़ा में लिखित |
जीर्ण प्रति ।
नपुर पत्तन मे लिखित |