Book Title: Hastlikhit Granth Suchi Part 01
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 240
________________ - २२८ ] गजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर क्रमांक ग्रन्थाङ्क प्रन्थनाम | कर्ता भापा लिपि- - पत्रसमय | संख्या। विशेष ५२३ | ११२४ | साहराउलनीलवणभास | दानसागर रा०गू० १६७५ (४) ५२७ ५२४ | ३५१२ सिद्धचक्ररास ज्ञानसागर | १६८५ १६ / सूरत में लिखित । सवत् १५३१ में रचना। ५०५ ३०६० | सिंघासणवत्रीसी जेराजकवि १८७ ७६ | रानेर में लिखित । ५२६ ३५५६ सिहासनबत्तीसीकथा | माधव | रा० १८८७ ७-११३ संवत् १६३३ में (२) रचित । | २१६८ | सिहासनबत्तीसी कथा | देईदान संवत् १६३३ में (पद्य) अकवर के समय में रचित । चित्रकोट समीप गलुड मध्ये लिखित । देवास मालवा में स. १६३३ में रचना। ५२८ | ३१३४ सिहासनबत्तीसीचोपाई| हीरकलश " १८वीं श १-८५ | रचना सं. १६३२ । १) ५२६ | ३४६० सिंहासनबत्तीसीचोपाई " रागू०१७वीं श, १४२ पत्र ७६वां तथा १३६ वां अप्राप्त, सम्बत् १६३६ मे डेहिनयरी में रचित । | सीतारामचोपाई समयसुन्दर १२ वलाद्रग्राम में लिखित । मेडता में रचित । | १८०८ | सीतारामचोपाई १७३५ | २०३८ | सीतारामचोपाई १८वीश ८० प्रथम पत्र प्राप्त । मेडता मे रचना। ४३३ | ३६५८ | सीतरामचोपाई | २ मेडता मे रचित । ३६११ | सुदर्शनचरित्रचोपाई | ब्रह्मऋपि १८५० १९ अकबराबादमें लिखित ५३५ ३६१० सुदर्शनशेटरासकवित्तबंध दीपो ५३६ २०८३ | सुदर्शनशेठशीलप्रबंध चद्रसूरिशिष्य(१) १५७० ५३७ १३ | रचना सं. १५०१। | १८६० सुदामाचरितरास । ब्रह्मदास न. हि. १८वीं श. १३-२१) (१४) ५३८ | १८६० सुदामाचरितरास । (१३४) ११५ ५७८३ ५३४ १८६१ १६ | २०७

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