Book Title: Hastlikhit Granth Suchi Part 01
Author(s): Jinvijay
Publisher: Rajasthan Puratattvanveshan Mandir

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Page 220
________________ २०८ ] क्रमांक प्रन्थाङ्क प्रन्थनाम २२१ १८३० नागमतु २२२ | २१४१ | नासकेतुमाख्यान २२३ ६४० नेमिजिनफाग रंगसा गरनामा २२४ | ३६३३ नेमिनाथधवल २२५२१७० | नेमिनाथरास २२६ ३८६३ | नेमिनाथरास २२७ ३६३६ | नेमिनाथरास २२८ ७ नेमिनाथविवाहलो २२६ | २०१७ | नेमीश्वरस्नेहवेली २३० ३६३९ पचेन्द्रियचोपाई २३१ | ३५७५ | पचेन्द्रियचोपाई (४४) २३२ | ३६= | परदेशी प्रतिबोधचोपाई २३३ | २०८१ | परदेशीराज्य चोपाई २३४ | ११२३ | परदेशीराजाचोपाई (५) २३५ | २१५७ | परदेशीराजारी चोपाई २३६ | ३२४६ |परसोतमपुराण पद्य २३७ ११२३ पुण्यपालराजरिपि (११) चपड़े राजस्थान पुरातवेत्वा परण मन्दिर लिपि - समय कर्त्ता जगन्नाथ नय सुन्दर कनककीर्ति पुण्यरतन 33 वीरविजय उत्तमविजय ज्ञानचद सहजसुन्दर "" २३८ | ११२३ | पुण्यसारगुणश्रीचरित्र विमलमूर्ति (७) रास २३४३५३५ पुण्यसार चोपाई भाषा पुण्यकीर्ति रा०० १७वीं श रा० १८६४ रा०० १६वीं श رو " रा० 39 "" रा०० १७१६ १८६४ १८७७ " 33 " १६६१ १७वीं श " १७३५ ور १७६१ १७वीं श. पत्र संख्या ४ १५ Isr ८ १७५१ IS रा० १८वीं श ४ रा०गू० २०वीं श. २१६ ८ १० २ ४ ७ ی ܘ܆ ८ १६३६ ३४३६ विशेष रा० १८८२ १६ गू० १८८१ ११३ बिदासर मे लिखित | सौभाग्यशेखर| रा०गू० १७वींश ६२-६६ स० १६४१ निजार नयर मे रचित | कर्णसर नगर में लिखित । वीस नगर में लिखित | स० १६३० में रचित । प्रथम पत्र स. १७५१ मे रचित | स० १७५१ आगरा २२८ | में रचना | राजनगर मे रचित | सत्यपुर में लिखित | अप्राप्त । स. १६६२ मे बीका नेर मे रचित । ६ सुरायता ग्राम मे लिखित | राधनपुर में लिखित | छाणी नगर में लिखित | ग्रन्थकार अपरनाम शिरमुनि है । १६३६ | ४६-५८० १५७१ मे धंधूक पुर मे रचित । गो गरु मे लिखित | स. १६६६ सागानेर नगर मे रचना । कोठारा में लिखित |

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