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२०६ ]
क्रमांक ग्रन्थाक
१८६ १८२६ | द्रौपदी चौपाई
२१३२ | द्रौपदी चौपाई
१६०
१६१
१६२
१६३
१६५
प्रभ्थनाम
३४५५ द्रौपदी चौपाई
१६४ ११२३ धन्नाचरित्र रास
(3)
११२४ धन्नाचरित्र राम
(३)
१६८
३५३ = | द्रौपदी चौपाई
६६६ | द्रौपदी रास
१६६ | ३५७३ | धन्नाचरित्र रास
(१५)
१६७ | २:३४
३५७३ ध नासधि
(२.)
१६६ | ३३५१ | धन्यविलास
२००
धन्नारास
२१ = १ धर्मदत्तंधनवांतीरी
चौपाई २०१ ३६३० नन्दवत्रीसीचे पाई २:२ २०६४ | नन्दि रे ए चौपाई
२०३
नरसीमेतानु मांमेरू
राजस्थान पुरातत्वान्वेषण मन्दिर
लिपि
पन
समय सध्या
फर्ता
कस्कोर्ति
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समयसुन्दर
मति सर
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भावनरत्न
कल्याण तिलक
कल्याण
ग्रामति
कुशल
सिंघकुल
ज्ञानमागर
प्रेमानन्द
भाषा
रा०० १७०७
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गृ०
१३२७
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१वीं श
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मान में लिखित | ग १६६३ में जैस
लगेर में रचित | म० १७०० में प्राहमें रचना | जनगर में लिखित |
१७औँ श. २२-३० म. १४१० मे रचित ।
१६७५
33
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१०वीं श
१८२२
जेसलमेर में मंत्
१६६३ में रचित | जैसलमेरनगर ने
स (?) मे रखना । लिखित |
३६ जैसलमेर नगर में ।
स. १६६: मे रचना ।
वश ४२-१६ म० १४१५ में
१७१६
१८वीं श
१-६१
विशेष
३१
ܘ
पाल
३५-४६ संवत २०१४ में
रचना | भुजनगर में लिखित |
रचिन | जीप्रति |
५६ रात १७७० में
पहिलपुर पाटण मे रचित । ६५-६७ जेसलमेर मे रचित ।
जीप्रति ।
४३ सम्मत् १६८५ में
रचित । ४५ विदामर में लिखित
1
रचना - स. १७55 | ६ | दूधवड में लिखित । १२.
१५ मानवुआ में लिखित ।