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रास
२०१]
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क्रमांक प्रन्थाङ्क
• प्रन्थनाम
• कर्ता
आषा
लिपि- | पत्रसमय । संख्या
विशेष
१२६:३५५४ चंदराजा रास
मोहनविजय
१३००-३८८३ चंदराजा रास
१३१ ३१७- चंदराजा रास
| १८६६
१३२ ६.३८८२- चंदराजा रास
लब्धिरुचि
१३३ ३६२५६ दराजा रास
१७७०
रा० गू| १८७६ -|-१-६० राणावास में
लिखित । सबत् १७८४ में राजनगर
में रचित । १८३१ - 0 सं. १७६३ में राज
नगर मे रचित । चूरूनगर मे लिखित स. १७८३ में राज.
नगर में रचित । " १८२७ स. १७१७ में सिरोही
में रचित । लाहानाम (मेदपाट) मे लिखित । सं. १७१७ में सिरोही में रचित । प्रस्तुत कृति पूर्ण लिखकर लेखकने वाचक उदय विजयकृत पार्श्वनाथ गीता ३६ पद्यमयी
लिखी है। " | १८२१ / ७६ | देवाणदीग्राम में
लिखित । संवत् १७१७ में सिरोही
में रचित । " १६वीं श. - ६६ अन्त्य पत्र ६७ वां
1-अप्राप्त । नापासर में लिखित। सं. १७२८ में श्रीप.
चीयाष में रचित । " | १९७५ - २६ / सं १७२८ में पंची
याख में रचित । | १७६५ २६ | सं. १७२८ में श्रीप
चीयास में रचित। उछोदग्राममें लिखित
३६६
चंदराजा रास
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. १२५ ४१५ चंदराजा रास
| १५५ चन्द्रलेहाचौपई
मतिकुशल
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१३७ २२२६ चंदलेहा चौपाई १३८ ३५०३, चंद्रलेहा चौपाई
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