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रास
[१७
क्रमांक प्रन्याङ्क
प्रन्थनाम
फर्ता
विशेष
मय संख्या
सेवक
१३ । राधिकापुर में
लिखित ।
ऋषभदेवविवाहलो (धवल) ऋषभदेवविवाहलो (धवल) ऋषभदेवविवाहलो (धवल) ऋषभदेवविवाहलो
जीर्ण प्रति।
०२ | एकादशीमाहात्म्य । विष्णुदास
| १८३१ । २६ । प्रथम पत्र प्राप्त । चोपाई
सं० १६२४ में रचित । मानकुआ
ग्राम मे लिखित । ___७० | ३६८५ | एकादशीमाहात्म्यभाषा मानदास
हि० १८६८ | ४६ पाटण नगर में पद्य
लिखित । सं० १८३४
मे रचित। | ९०५ | प्रोखाहरण
प्रेमानन्द | गूर्जर | १६०३ / ७४ | ओखाहरण
१९वीं श. ३७ कयवन्नाचोपाई (जयतसी)
उदयापुर में लिखित। जयरंग
सं०१७२१ मे
रचित । ___७४, २०३२ | कयवन्नाचोपाई | जयरंगरागू० १८२३ सं० १७२१ में :
बीकानेर में रचित, सुरतिविन्दर.में
लिखित । ____ ७५ ) २०६० | कयवन्नाचोपाई
सं० १७२१ में वीका
नेर मे रचना। ६ | २२०६ कम्वन्नाचोपाई
अडसीसर प्रामे मरुस्थलदेशे लिखित सं० १७२१ में
बीकानेर मे रचित । ७ ३८७४ फयवन्नाचोपाई
सरीयारी में लिखित स० १७२१ में
वीकानेर में रचित। ५८ | ३६२१ । कयवन्नाचोपाई
" १८वीं श १८ | सं० १७२१ में
बीकानेर में रचित।
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| १८५५) १९