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१४४]
राजस्थान पुरातत्वान्वेपण मन्दिर
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पत्र
क्रमांक प्रन्याङ्क
प्रन्थनाम
कर्ता
| भाषा
लिपिसमय संख्या
विशेष
सतसया संस्कृत विहारीदास वाहि० १८०५ टिप्पण सहित टी०नान्हान्यास टी०सं० सतसया सार्थ पंचपाठ | विहारीदास बहि० १७६३ / ४८
२७२
८७६ | सतसया टिप्पण
अनवरचन्द्रिका नाम
मू०विहारी
,
१८वीं श.
६
श्रुतबोध नामक टिप्पण। सं० १७४२ में बुरहानपुर में रचित, पत्तन में लिखित ।
आदि के तेरह प्रकाश नहीं हैं, १४, १५, १६ प्रकाशमात्र। अपूर्ण देहका नाम और वर्णकथन युक्त। भुजनगर मे लिखित ।
८
| सतसया टीका सतसया सूची
गिरधर | मगनीराम
" ,
२०वीं श. १९२१ /
२८२ | २६८६ | स्वप्न वासवदत्ता टीका नारायण
सं०
| १७३० / ३६