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सुभाषित-प्रकीर्णादि
१७]
क्रमांक ग्रन्थाङ्क
प्रन्थ नाम
कत्ता
भाषा
लिपि- पन्नसमय | संख्या
विशेष
२३१२
दूहा कवित्त
प्र०हि० १८वीं श.
दूहा संग्रह दृष्टान्तशत
कबीर कुसुमदेव
१६वीं श.
"
सं०
-११
१८१५
२७० धर्मबावनी ८८२ धर्मवावनी
धर्मवावनी ।
धर्मसी धर्मसी धर्मसी
३५५०
धर्मसिंघ वावनी
धर्मबर्धन
१८०२ १४वीं श. ७५-७६ सं. १७५० में
रचित । १४६- सं. १७४३ में
| रचित । " १४
धर्मोपदेश प्रास्ताविक श्लोकाः धर्मोपदेशश्लोकाः
"
१६२४
-
-
-११० रात्रि भोजन मांस
मदिरा द्विदलाहार-त्यागादि के विषय में शांतिपर्वादि ग्रंथों के अवतरण हैं। पत्र १०५ के प्रथम पृष्ठ के अन्त में लि हीरकलस मुनि इस प्रकार पुष्पिका है। सं. १८७वे पत्र में हैं।
वहि० २०वीं श
word
८८ २३३४ नायिकाभेद कवित्त १२३३१ नायिकाभेद कवित्त आदि ६० २३३३ नायिकाभेदवर्णन कवित्त खुसराम | २३३५ नायिकाभेदवर्णन कवित्त २३४५ नायिकाभेदवर्णन व वित्त २३४६ नायिका वर्णन तथा
रसवर्णन कवित्त फुटकर ६४ | २८६३ निगुणपच्चीसी
(११६) | २२७१ नीतिप्रबोध
| अपूर्ण।
स प्रा रा. १७वीं श| १७२
१७३
सं. १८८६ में अजमेर मे रचित । स्वयं कवि द्वारा खिखित।