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वीस वर्षका उत्कृष्ट आयुः स्त्रियोंका सोलहवर्षका उत्कृष्ट आयुः छ वर्षकी स्त्री गर्भ धारेगी दुःखसे प्रसव होगा ॥ बहुत पुत्र पुत्री जन्मेगा ॥ रथका दोचक्रोंके प्रमाणके बराबर गंगासिंधुनदी बहेगि ॥ थोडा पानी बहुत मच्छकच्छवगैरहः और वैताढ्य पर्वत में नदियोंके दोनों किनारे बहुत्तर विल हैं उन्होंमें मनुष्य रहेंगे एकएक नदी के किनारे नौ नौ विल हैं । उन्होंमें तिर्यञ्च मनुष्योंका बीज मात्र रहेगा | मांसाहारी, निर्दय निर्विवेकी छट्ठे आरेमें प्रायः दुर्गतियाने | नरक तिर्यञ्च गतिःपानेवाले मनुष्य होवेंगे ॥ विलवासी मनुष्य दिन में बहुत ताप पड़ने से रात्रि में बहुत शीत पडने से नहीं। | निकल सकेंगे । संध्यासमय नदीमें आके मत्स्यादिकको लेके स्थल में रक्खेंगे दिन के ताप रात्रिकेः शीतसे पके हुए मत्स्या| दिकको लेजाकर खावेंगे ॥ उसकालमें पुष्प, फल, अन्न दहीवगैरह : कुछ नहींरहेगा | सेज आसन वगैरहः भी नहीं | रहेगा । ऐसा पांचभरत पांचऐरवत दश क्षेत्रोंमे दुःषम दुःषमकाल होगा | आगे छट्ठे आरेके सरीखा उत्सर्पणीका | पहला आरा होगा । इक्कीस हजारवर्ष प्रमाणका पहला आरा जानेसे इक्कीस हजारवर्ष प्रमाणका दूसरा आरा होगा तब | पुष्करावर्त मेघ वर्षेगा ॥ सात दिनतक उससे पृथ्वीका ताप नष्टहोगा । दूसरा क्षीरोदनामका मेघ वर्षेगा उससे पृथ्वी धान्यनिष्पतिके योग्य होगी । तीसरे घृतोदकमेघ के वर्षनेसे पृथ्वी सचिक्कण होगी | चौथा शुद्धोदक मेघवर्षनेसे धान्यादिककी निष्पत्ति होगी । पांचवा रसोदकमेघवर्षनेसे पृथ्वी में रसोत्पत्तिहोगी । यह पांच मेघ सात सातदिन वर्षेगे | ऐसे पैंतीस दिनतकमेघ वर्षेगा । तब वृक्षः, औषधि, लता, धान्य वगैरह आपहीसे उगेंगे भरतकी
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