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लिखते हैं श्रेणिकरार कौणिक राजाका कार्तिकका जीवजीव
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म्यसे तेईसतीर्थकर तीसरे आरेमें होंगे ॥ और चौवीसमां तीर्थंकर भद्रंकर नामका चौथे आरेमें होगा। अब भावी चोवीस तीर्थंकरों का नाम लिखते हैं श्रेणिकराजाका जीव पद्मनाभखामी पहला तीर्थकर १ श्रीमहावीरस्वामीका काका सुपार्श्वका जीव शूरदेव नामका दूसरा जिनेश्वर२ कौंणिक राजाका पुत्र उदाईका जीव सुपार्थ ३ पोट्टिलअणगारका जीव चौथा खयंप्रभ ४ दृढ़ायु श्रावकःका जीव पांचवां सर्वानुभूतिः ५ कार्तिकका जीव छट्टा देवश्रुत ६शंख श्रावकका जीव उदय नामका सातवां तीर्थकर ७ आनन्दका जीव आठवा पेढाल ८ सुनन्दका जीव नवमापोट्टिल ९ शतककाजीव शतकीर्तिनामका दशवांतीर्थकर १० देवकी रानीका जीव ग्यारहवां सुव्रतनामका तीर्थकर ॥ कृष्णवासुदेवका जीव अमम नामका बारहवां तीर्थकर १२ सत्यकीविद्याधरका जीव निष्कपायनामका तेरहवां तीर्थकर १३ बलभद्रःका ६ जीवनिष्पुलाकचौदहवां तीर्थकर १४ रोहिणीका जीवनिर्मम पन्द्रहवां तीर्थकर १५ सुलसाका जीव चित्रगुप्तनामका है सोलहवां जिनेश्वर१६रेवतीश्राविकाका जीवसमाधि नामका सतरहवां तीर्थकर॥१७॥ सद्दालकाजीव अठारहवां सम्वर ल तीर्थकर ॥ १८ द्विपायनका जीव उन्नीसवां यशोधरतीर्थकर ॥ १९ कषायका जीव (कृष्णनामका कोई ) वीसवां 8 विजयतीर्थकर ॥२० नारदका जीव मल्लीनामकाइक्कीसवां तीर्थंकर२१अंबडका जीव वाईसवां देवतीर्थकर२२अम्बड , श्रावकःका जीव अनंतवीर्यनामका तेईसवां तीर्थकर २३ खातिःका जीव चौवीसवां भद्रंकर नामका तीर्थकर होगा। २४यह आगामिकालमें चौवीस तीर्थंकरोंका आयुः, कल्याणक, अंतर, लाञ्छन, वर्ण वगैरहः पश्चानुपूर्वीसे होगा।
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