Book Title: Dhurtakhyan
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Page 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धुर्ताख्यान. थी जुवो के ए सो भाइओ कीचक वांसनी नळीमां केम रह्या तेमज कमंडळमां हाथी सहित तुं समाइ गयो. 3 तथा एक बीजं उदाहरण कहुंछु ते शांभळो, जे ईश्वरें हजार वर्षसुधी जटामां गंगाजीने राखी ते वात साची होय तो छ महिना सुधी कमंडलमां तुं तथा हाथी रह्या एमां नवाइ शानी. ईश्वर हजार वर्ष सुधी गंगाजीने जटामां भुलावी ए साचुं होय तो छ महिना सुधी कमंडलमां तें हाथीने भुलाव्यो ते असत्य केम कहेवाय. ... प्रश्नण्मुलदेव-कमंडलनी ग्रीवाथकी हुं केम नीसरयो अने हाथी वालाग्रने अंते केम अटकी रह्यो ? कंडरीक--ए तारूं संशय दूर करवा माटे एक पुराणमुंवाक्य शांभळ.आकाशमी मारुत अग्नी जलस थावर मनुष्य देवता तिर्यच वगेरे प्रपंच. नाअभावमहाप्रलय कालें जगतनो कर्ता विष्णु जलासने धेशीने तप करे छे तेनी नाभिकमलमा रहेलो ब्रह्मा कमंदल तथा दंड हाथमां लइने बाहेर नीकल्यो त्यारे कमल विष्णुनी नासीमां वळगी रा. हवे जुव For Private and Personal Use Only

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