Book Title: Dhurtakhyan
Author(s): 
Publisher: 

View full book text
Previous | Next

Page 49
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धुर्ताख्यान. खंडपाना-तमे माहारं नाम ठांम गोत्र अने मायावीपणो जाणोछो के नथी जाणता.? मूलदेव-पाटलीपुर नगरे गौतम गोत्री नागसर्मा नामे ब्राह्मणनी पुत्री नागश्रीनी कुखे तुं अपनी छो अने खंडपाना तारूं नाम जगत्र प्रसीद्ध छे. खंडपाना-माहारं नागश्रीनी पुत्रीनी सरिखु. रुप देखीने तमने संसय उपजेछे पण हुं तेनी पुत्री नही. हुतो राजाना रजकनी दग्धिकानामे बेटीछउं माहारूं घेर राजाना मंदिरनीपरे धनधान्ये करी संकीर्णछे अने हुं हजार मजुरनी साथ राजाना अतःपुरना वस्त्र धावाना धधो. करतीहती कोइसमे हु बस्त्रनी पोठभरी एक हजार मजुरोनी साथे धोवा गइ हती तिहां ते मजुरोएं सर्व वस्त्र धोइ तापमां सुकववासारु मुक्यां एटलामां मोटो तोफानी वायरो लागो तेथी सर्व वस्त्र उडीगयां पछे में मारा सर्व मजुरोने कयुं जे तमाराथी जिहां जवाय तिहा नाशी जाओ कांइ चिंता करसोमां For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58